जर्मन काथलिक केन्द्रीय समिति के लोकधर्मियों के लिए संत पापा का संदेश
फ्रायबुर्ग जर्मनी 25 सितम्बर 2011 (सेदोक, जेनित) फ्रायबुर्ग सेमिनरी में जर्मन काथलिकों
की केन्द्रीय समिति नामक संगठन के अध्यक्ष और सदस्यों ने 24 सितम्बर को संत पापा बेनेडिक्ट
16 वें का साक्षात्कार कर उनका संदेश सुना। संत पापा ने कहा कि यहाँ फ्रायबुर्ग में
एक साथ आने के लिए मिले इस अवसर के लिए वे कृतज्ञ हैं। वे काथलिकों की चिंताओं को सार्वजनिक
स्तर पर प्रस्तुत करने वाले कार्यों तथा समाज में कलीसिया और काथलिकों की प्रेरिताई को
संवेग प्रदान करने के लिए इस संगठन द्वारा किये जानेवाले कार्यों की सराहना करते हैं।
इसके साथ ही उन्होंने जर्मन समाज पर विश्लेषण प्रस्तुत करते हुए रेखांकित किया कि उच्च
स्तर की जीवनशैली है जहाँ समृद्धि, सुव्यवस्था तथा कार्यकुशलता है तथापि आध्यात्मिक गरीबी
है, मानवीय संबंधों और धार्मिक क्षेत्र में कमी है। संत पापा ने कहा कि जीवन के हर
क्षेत्र में सापेक्षवाद का प्रभाव दिखाई दे रहा है। कभी कभी सापेक्षवाद बहुत आक्रामक
हो उठता है जब यह उन लोगों का विरेध करता है जो यह कहते हैं कि व जनते हैं कि सत्य या
जीवन का अर्थ कहाँ पाया जा सकता है। हम देखते हैं कि सापेक्षवाद समाज और हमारे मानवीय
संबंधों पर अधिक से अधिक प्रभाव डालता जा रहा है। अनेक चीजों के मध्य यह प्रतिबिम्बित
होता है- असंख्य लोगों के जीवन में अस्थिरता तथा विभाजन तथा घोर व्यक्तिवाद में। आधुनिक
समाज में अनेक लोग किसे प्रकार का आत्म दमन करने या दूसरों के लिए आत्म त्याग करने में
सक्षम नहीं प्रतीत होते हैं। वे ईश्वर की भलाई को अनुभव करने में कमी पा रहे हैं। चर्चों
की मुख्यधाराओं तथा उनकी पारम्परिक संरचनाए के साथ सम्पर्क बिन्दु नहीं पा रहे हैं। पाश्चात्य
जगत में वास्तविक संकट विश्वास का संकट है। संत पापा ने कहा कि जर्मनी में चर्च सुसंगठित
हैं लेकिन हमें स्वीकार करना होगा कि संरचनाओं के साथ ही आत्मिक तौर पर मजबूत हों। यदि
विश्वास को यथार्थ रूप से नवीकृत करने का रास्ता नहीं पाते हैं तो सभी संरचनात्मक सुधार
अप्रभावी रह जायेंगे। हमारा आह्वान किया जाता है कि सुसमाचार प्रसार के लिए नये उपाय
खोजे जायें।