एटसैल्सबाख, जर्मनीः सन्त पापा के दर्शन हेतु 90,000 से अधिक एकत्र
एटसैल्सबाख, जर्मनी, 24 सितम्बर सन् 2011(सेदोक): बर्लिन में मुसलमान नेताओं से मुलाकात
तथा एरफुर्ट में प्रॉटेस्ट्ण्ट कलीसियाओं के नेताओं से मुलाकात एवं प्रार्थना सभा के
उपरान्त शुक्रवार अपरान्ह सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें एरफुर्ट नगर से लगभग 80 किलो मीटर
की दूरी पर स्थित एटसैल्सबाख गये।
एटसैल्सबाख में सन्त पापा ने उस काथलिक समुदाय
का साक्षात्कार किया जिसने नाज़ीवादी एवं साम्यवादी दमनचक्र के काल में भी ख्रीस्तीय
विश्वास की लौ प्रज्वलित रखी थी।
एटसैल्सबाख के हवाई अड्डे से कुछ ही दूर पर
वालफार्ट्सकापेल्ले यानि तीर्थयात्री गिरजाघर है। इसी गिरजाघर के प्राँगण में श्रद्धालु
सन्त पापा के दर्शन हेतु कई घण्टों तक प्रतीक्षा करते रहे थे।
16 वीं शताब्दी
की एक अनुश्रुति के अनुसार जिस स्थल पर गिरजाघर निर्मित है उसी स्थल पर काठ की एक मरियम
प्रतिमा मिली थी। बताया जाता है कि खेतों से गुज़रते हुए घोड़े अनायास ही इस स्थल पर
रुक जाया करते थे। उसी समय से यह स्थल पवित्र मरियम तीर्थ बन गया तथा फेर्डेवालफ्रार्ट
यानि घोड़ों के तीर्थ नाम से लोकप्रिय हो गया। एलीज़ाबेथ से मरियम की भेंट के पर्व के
बाद पड़नेवाले रविवार को यहाँ प्रार्थना, भक्ति गीतों एवं संगीत का समारोह मनाया जाता
है जिसमें दूर दूर से तीर्थयात्री एकत्र होते हैं। यह समारोह घोड़ों के आशीर्वाद से सम्पन्न
होता है। मरियम की प्रतिमा गिरजाघर के आन्तरिक आराधनालय में सुरक्षित है। इस गिरजाघर
का निर्माण सन् 1801 ई. में हुआ था।
शुक्रवार सन्ध्या सन्त पापा बेनेडिक्ट 16
वें ने वालफार्ट्स कापेल्ले के आगे विस्तृत मैदान में एकत्र 90,000 श्रद्धालुओं को दर्शन
दिये। यहीं पर उन्होंने भक्त समुदाय के साथ मरियम के आदर में सान्ध्य वन्दना का पाठ किया
तथा उपस्थित तीर्थयात्रियों को अपना सन्देश दिया। इस समारोह में ट्यूरिंगन जर्मन प्रान्त
के अध्यक्ष तथा एट्सैल्सबाख के नगराध्यक्ष भी उपस्थित थे।