सिक्किम, 20 सितम्बर सन् 2011 (कैथन्यूज़): उत्तर पूर्वी भारत, नेपाल, तिब्बत तथा चीन
को चपेट में लेनेवाले रविवार, 18 सितम्बर को आये भूकम्प में मरनेवालों की संख्या 74 तक
पहुँच गई है।
सिक्किम में मरनेवालों की संख्या 41 बताई जा रही है जबकि पश्चिम
बंगाल में नौ व्यक्तियों के और बिहार में आठ व्यक्तियों के प्राण चले गये हैं। नौ व्यक्ति
नेपाल में तथा सात व्यक्ति तिब्बत में मारे गये हैं।
रिख्टर पैमाने पर 6.9 मापे
गये भूकम्प से भारत का सिक्किम राज्य सर्वाधिक प्रभावित हुआ है जहाँ भूस्खलन, चट्टानों
के खिसकने तथा सड़कों के टूट जाने के कारण राहत कार्यों में बाधा आ रही है।
भूकम्प
में कई इमारतें एवं भवन ध्वस्त हो गये जिनमें गिरजाघर भी शामिल हैं।
सिक्किम,
दार्जीलिंग काथलिक धर्मप्रान्त के अन्तर्गत आता है जहाँ के कलीसियाई अधिकारी स्थिति की
जायज़ा ले रहे हैं। धर्मप्रान्त के सम्पर्क अधिकारी फादर एलेकज़ेन्डर गुरुँग ने ऊका समाचार
को बताया कि दार्जिलिंग में अधिक नुकसान नहीं हुआ केवल कुछेक भवनों में दरारें पड़ गई
हैं। उन्होंने बताया कि सिक्किम में मरनेवालों में पेन्टेकॉस्टल चर्च के एक पादरी भी
शामिल हैं। सिक्किम की राजधानी गैंगटॉक से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित स्थानीय
पेन्टेकॉस्टल गिरजाघर भी भूकम्प में ध्वस्त हो गया है।
हालांकि, सिक्किम के
नामची स्थित लोयोला कॉलेज के प्राध्यापक, येसु धर्मसमाजी पुरोहित, फादर फ्राँसिस जॉर्ज
अरुकाक्कल के अनुसार पेन्टेकॉस्टल पादरी की मृत्यु की पुष्टि नहीं हुई है तथा अन्य किसी
कलीसियाई अधिकारी के हताहत होने की ख़बर नहीं है। नामची के गिरजाघरों में दरारें आईं
हैं तथा कारमेल धर्मबहनों द्वारा संचालित सन्त तेरेसा स्कूल भवन को क्षति पहुँची है।
उन्होंने बताया कि भूकम्प के बाद से टेलीफोन लाईनें तथा सैल फोन सेवाएँ ठप्प
पड़ गई हैं इसलिये किसी के साथ सम्पर्क करना असम्भव हो गया है।
इस बीच, प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह ने मारे गए लोगों के परिजनों के लिए दो लाख रुपए के मुआवज़े की घोषणा की
है, जबकि गम्भीर रूप से घायलों के लिये एक लाख के मुआवज़े की घोषणा की गई है।