2011-09-19 20:22:44

नेपाली घरेलु कामगार महिलायें यौन उत्पीड़न और शोषण की शिकार


काठमाण्डू, 19 सितंबर, 2011(एशियान्यूज़) नेपाल की एक संस्था एफ. एन. डब्लयू. आर. सी. के अनुसार करीब 90 प्रतिशत नेपाली घरेलु कामगार महिलायें यौन उत्पीड़न और शोषण की शिकार होती हैं।

नेपाली महिलाओं की सबसे ख़राब स्थिति अरब देशों में है जहाँ महिला कामगार महिलायें बलात्कार की शिकार होती कम वेतन पाती और अपने मालिकों से यातनायें भी झेलतीं हैं।

उक्त बात की जानकारी देते हुए प्रवासी नेपाली कामगार बचाव केन्द्र ने एक अध्ययन के बाद बताया कि प्रत्येक वर्ष करीब 83 हज़ार महिलायें अपने देश छोडकर काम करने के लिये मध्यपूर्वी देश मुख्यतः साउदी अरेबिया और कुवैत को जातीं हैं।

सर्वेक्षण के अनुसार मध्यपूर्वी देशों में अधिकतर महिलाये अवैध रूप से यहाँ लायी जातीं हैँ। सन् 2006 ईस्वी में 67,000 मजदूरों में सिर्फ़ 3,000 मजदूरों के पास वैध कागज़ाद थे।

ये प्रवासी कई बार रेड टेप से बचने के लिये मानव तस्करों का सहारा लेते हैं और जो उन्हें काम का प्रलोभन देकर ज़्यादा पैसा लेते और बाद में उन्हें बेईमान नियोक्तायों के लिये गुलामों की तरह जीवन बसर करते।

सर्वेक्षण के अनुसार करीब 16 प्रतिशत प्रवासी महिलायें बिना किसी आय के होतीं हैं उनके पास कोई कागज़ाद नहीं होता और उनकी स्थिति से सरकारी अधिकारी अवगत नहीं होते।

सरकार ने प्रवासियों के लिये एक काठमाण्डू में केन्द्र का निर्माण कराया है जहाँ वे भाषा सीख सकतीं और नियमों के बारे में जान सकती है ताकि दूसरे देशों में अपने अधिकारों का दावा कर सकें।

नेपाल में यूएन के क्षेत्रीय संयोजक के रूप में कार्यरत सारू जोशी का कहना है कि नेपाली महिलाओं की रक्षा के लिये ऐसी नीति बनायी जानी चाहिये ताकि महिलाओं को पुरुषों के समान बराबरी का हक मिले।

विदित हो कि नेपाल पितृप्रधान देश होने के कारण यहाँ की सामाजिक और सांस्कृतिक नीतियाँ अब तक सीमित हैं जो महिलाओं के शोषण का कारण बनतीं हैं।











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