2011-09-15 18:07:39

नये धर्माध्यक्षों के लिए संत पापा का संदेश


कास्तेल गांदोल्फो 15 सितम्बर 2011 (वीआर वर्ल्ड, सेदोक) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कास्तेल गांदोल्फो स्थित ग्रीष्मकालीन प्रेरितिक प्रासाद में लगभग 120 नये धर्माध्यक्षों को 15 सितम्बर को सम्बोधित किया जो धर्माध्यक्षों के धर्मसंघ द्वारा आयोजित प्रशिक्षण शिविर में भाग ले रहे हैं। संत पापा ने अपने सम्बोधन में एक धर्माध्यक्ष के जीवन में पवित्र आत्मा की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि एक धर्माध्यक्ष को धर्माध्यक्षीय अभिषेक पवित्र पुरोहिताई के संस्कार की पूर्णता प्रदान करता है ताकि वे सब विश्वासियों के लिए सार्वभौमिक पौरोहिताई की सेवा कर सकें।

संत पापा ने कहा कि धर्माध्यक्षों की जिम्मेदारी है कि वे सचेत रहे और यह सुनिश्चित करें कि बपतिस्मा संस्कार प्राप्त हर व्यक्ति कृपा में तथा अपने ह्दय और समुदायों में पवित्र आत्मा के कैरिज्म में बढ़ें। उन्होंने रेखांकित किया कि बपतिस्मा संस्कार एक व्यक्ति को, पुत्र में पुत्र बनाता तथा संतान होने की यह दिव्य भावना ईसाईयों को त्रित्वमय सामुदायिकता में सहभागी होने की अनुमति प्रदान करती है।

संत पापा ने लोकधर्मियों के कैरिज्म की यथार्थयता के प्रति मनन चिंतन करने के दायित्व का स्मरण कराते हुए धर्माध्यक्षों का आह्वान किया कि वे कलीसिया के पवित्रीकरण तथा प्रेरितिक कार्यों की जीवंतता के लिए लोकधर्मियों के उपहारों या उनकी विशिष्टताओं का स्वागत करें। उन्होंने कहा कि हमें यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि कोई भी विशिष्टता कलीसिया के मेषपालों की अधीनता और संदर्भ के बिना नहीं हो।

संत पापा ने कहा की धर्माध्यक्ष की विषम और नाजुक प्रेरिताई के लिए मजबूत आध्यात्मिक जीवन जरूरी है। धर्माध्यक्ष की निजी पवित्रता धर्माध्यक्षीय पद की आत्मगत पवित्रता को प्रदर्शित करे। उन्होंने धर्माध्यक्षों को प्रोत्साहन दिया कि वे ईशवचन पर मनन चिंतन, निजी अध्ययन तथा पर्याप्त आराम द्वारा पोषित प्रार्थना का जीवन जीयें।








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