2,151 ‘मरिया’नामधारियों ने माता मरिया का जन्मदिन मनाया
कोट्टयम, 12 सितंबर, 2011 (कैथन्यूज़) केरल के कुरुविलंगद के संत मरिया फोराने गिरजाघर
में 8 सितंबर वृहस्पतिवार को कुँवारी माता मरिया का जन्म मनाने के लिये 2, 151 मेरी
या मरिया नामधारी महिलायें जमा हुई। कैथन्यूज़ के अनुसार ये महिलायें पूरे कोट्टयम
के विभिन्न क्षेत्रों से एकत्र हुईं थीं जो न केवल नाम से एक थी पर इन्होंने एक समुदाय
बनाया है जो माता मरिया की विशेष भक्ति करती है। इसके साथ उनके एकलौते पुत्र येसु मसीह
की आराधना करतीं हैं जिन्होंने माता मरिया के नाम को पवित्र किया। 8 सितंबर के इस
त्योहार के पूर्व ये सभी महिलायें एक सप्ताह का उपवास करतीं हैं जिसे ‘एत्तु नोम्बु’
के नाम से जाना जाता है। सहायक विकर फादर जोसेफ नरीथूकील ने बताया कि महिलाओं के
इस मरिया संगमम नामक समुदाय आरंभ तीन वर्ष पूर्व किया गया और तब से मरिया नामधारी महिलायें
संत पापा के साथ प्रार्थना करती हैं। पिछले साल महिलाओं की संख्या 1,910 थीं। प्रत्येक
वर्ष मरियानामधारी महिलाओँ की संख्या में वृद्धि होती जा रही है। फादर जोसेफ ने बताया
कि इस प्रार्थना सभा में न केवल ‘मेरी’ नाम की महिलायें जमा हुईं पर जो भी मरिया नाम
से जुड़ी हुई हैं जिनमें ‘मेरीकुट्टी’ और ‘मरियम्मा’ आदि शामिल थीं। इस सभा में नये
शिशुओं से लेकर नानी-दादी कहलाने वाली ‘मेरियाँ’ भी शामिल थीँ। उन्होंने बताया कि
लोगों का विश्वास है कि सन् 105 ईस्वी में माता मरिया ने कुरीविलंगद के चरवाहों को
दर्शन दिये थे और उनसे कहा था कि वे एक गिरजाघर का निर्माण करें और तब से इस क्षेत्र
में मरिया नाम बहुत लोकप्रिय हुआ।