दक्षिण सूडान के धर्माध्यक्षों द्वारा देश का निर्माण करने का आह्वान
जूबा दक्षिण सूडान 9 सितम्बर 2011 (सीएनएस) दक्षिण सूडान के काथलिक धर्माध्यक्षों
ने लोगों की समस्याओं और कठिनाईयों को पहचानते हुए सब नागरिकों का आह्वान किया कि वे
सरकारी नेताओं के साथ संयुक्त हों तथा मेलमिलाप और अहिंसा के द्वारा देश का निर्माण करें।
तीन दिवसीय बैठक की समाप्ति के बाद जारी वक्तव्य में धर्माध्यक्षों ने कहा कि एक साथ
मिलकर काम करते हुए दक्षिण सूडान के लोगों में एकता हो। दशकों की हिंसा और गृहयुद्ध के
बाद 9 जुलाई को दक्षिण सूडान स्वतंत्र राष्ट्र बना। धर्माध्यक्षों ने दक्षिण सूडान
के सब नागरिकों का उत्साह बढ़ाते हुए विश्वासी समुदायों, नागरिक समाज तथा राजनैतिक पार्टियों
को नये प्रगतिशील और शांतिमय देश बनाने के लिए योगदान करने का आह्वान किया। उन्होंने
कहा है कि परनिर्भरता से पर हम घोर श्रम करने की कार्य संस्कृति को प्रोत्साहन दें। धर्माध्यक्षों
ने कहा कि मानवाधिकारों और जिम्मेदारियों, व्यक्ति की मर्यादा, काथलिक सामाजिक शिक्षा
और सुसमाचारी मूल्यों पर जोर देते हुए सार्वजनिक जीवन में नबूवती भूमिका निभाने के लिए
कलीसिया काम करती रहेगी। जोंगलाई राज्य के आंतरिक संघर्षों तथा वेर्स्टन इक्वेटोरिया
तथा वेर्स्टन बाहर अल गजल राज्यों में लोर्ड रेसिस्टंस आर्मी द्वारा उत्पन्न किये गये
व्यवधानों को देखते हुए धर्माध्यक्षों ने विवादों का अहिंसात्मक तरीके से समाधान निकाले
जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हिंसा समस्या का उत्तर नहीं है, सबलोग शांति और मेलमिलाप
के लिए काम करें। हर स्तर पर राष्ट्रीय मेलमिलाप की सतत प्रक्रिया के लिए हम कलीसिया
और स्वयं को समर्पित करते हैं।