कुआलालम्पुर, मलेशिया 3 सितंबर, 2011 (कैथन्यूज़) क्रिश्चियन फेडेरेशन ऑफ मलेशिया (सीएफएम)
ने स्वतंत्रता दिवस 31 अगस्त को इस बात की माँग की है देश में एक न्यायपूर्ण चुनाव प्रणाली
लागू की जाये और ईसाइयों को दूसरों को मदद देने की स्वतंत्रता हो। सीएफएम ने एक वक्तव्य
जारी कर कहा, " मलेशिया के नागरिक चाहते है कि उनकी आवाज़ को लोग सुनें और प्रशासन विभिन्न
मुद्दों पर उनके विचारों पर ध्यान दे और इसलिये ऐसी चुनाव प्रणाली अपनायी जाये जो न्यायपूर्ण
हो।" सीएफएम ईसाइयों का एक ऐसा संगठन है जिससे मलेशिया के कई चर्च संगठन जुड़े हुए
हैं। इस संगठन ने ऐसे समय में न्यायपूर्ण चुनाव प्रणाली की माँग की है जब इसने पाया कि
आम जनता में वर्त्तमान चुनाव प्रणाली को लेकर भारी असंतुष्टि है। कई लोगों का मानना है
कि वर्त्तमान प्रणाली सिर्फ़ सत्ताधारी पार्टी के लिये हितकारी है। विगत 9 जुलाई को
हज़ारों लोगों ने कुवालाम्पुर में जमा होकर सरकार से यह माँग की थी कि चुनाव प्रणाली
में सुधार लाया जाये। विदित हो कि मलेशिया में इसी वर्ष चुनाव होना है। सीएफएम के
अंगलिकन धर्माध्यक्ष नंगमून हिंग ने कहा, " वे किसी एक पार्टी के पक्ष में नहीं हैं वे
चाहते हैं कि एक साफ, स्पष्ट और न्यायपूर्ण चुनाव प्रणाली को लाया जाये जिससे राष्ट्र
का वातावरण सौहार्दपूर्ण हो।" उन्होंने यह भी कहा कि ख्रीस्तीयों को यह स्वतंत्रता
हो कि वे लोगों के लिये कल्याणकारी योजनाओं को लागू कर सकें। इस संगठन ने मीडिया
द्वारा प्रकाशित इस बात का खंडन किया है कि चर्च अपने जन कल्याणकारी योजनाओं के द्वारा
मुस्लिमों का धर्मांतरण करने का प्रयास कर रही है। धर्माध्यक्ष नंग ने कहा है कि
" जनहित के लिये कार्य करना चर्च की कार्ययोजना का अभिन्न अंग है और इसके लिये चर्च जाति
और धर्म का भेदभाव किये बिना हर व्यक्ति तक पहुँचने का प्रयास जारी रखेगी।"