संत पापा से मुलाकात करने के बाद कार्डिनल ग्रेशियस के विचार
कास्तेल गांदोल्फो 2 सितम्बर 2011 (वीआर वर्ल्ड) भारत के पश्चिमी और दक्षिणी प्रांतों
अर्थात गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों के धर्माध्यक्षों की संत पापा बेनेडिक्ट
16 वें के साथ पंचवर्षीय पारम्परिक मुलाकातें गुरूवार से आरम्भ हुई जो शनिवार 3 सितम्बर
तक जारी रहेगी। कास्तेल गांदोल्फो स्थित प्रेरितिक प्रासाद में गुरूवार 1 सितम्बर
को संत पापा के साथ मुलाकात करने के बाद मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेशियस
ने वाटिकन रेडियो को दिये साक्षात्कार में कहा कि संत पापा के साथ यह बहुत अच्छी मुलाकात
रही। हमने भारत की परिस्थिति, हमारी चुनौतियाँ, हमारे शुभ समाचार तथा भविष्य के लिए हमारी
आशाओं के बारे में संत पापा को बताया। उन्होंने कहा कि संत पापा भारतीय ईसाईयों की स्थिति
के बारे में जानने के लिए बहुत उत्सुक थे कि उनके साथ कैसा व्यवहार होता है, अंतर धार्मिक
वार्ताओं के लिए हमारे प्रयास कैसे हैं तथा मेषपालीय प्रेरिताई कार्यों को किस प्रकार
सम्पन्न किया जा रहा है। उन्होंने कहा संत पापा ने विशिष्ट रूप से जानना चाहा कि क्या
ईसाईयों के विरूद्ध हिंसा की घटनाएँ होती हैं। कार्डिनल महोदय ने कहा कि कुछेक चरमपंथी
समूह परिस्थिति का फायदा उठाने के लिए जहाँ कुछ भी समस्या नहीं है वहाँ समस्याएँ खड़ी
करते हैं, ईसाईयों के खिलाफ वैमनस्यता फैलाते तथा ऐसा दिखाते हैं कि सम्पूर्ण भारत के
लिए सुसमाचार तथा ईसाईयों और मिशनरियों की गतिविधियाँ ख़तरा है, जो सच नहीं है। उन्होंने
कहा कि सुसमाचार प्रेम, शांति, आनन्द और मानव विकास का संदेश है जो किसी को धमकी नहीं
देता है। सम्पूर्ण भारत में नहीं लेकिन कुछेक क्षेत्रो में हिंसा की घटनाएँ होती हैं
लेकिन निश्चित रूप से परिस्थिति पहले से बेहतर है।