सुप्रीम कोर्ट ने ईसाई विरोधी उत्पीड़न पर उड़ीसा राज्य सरकार के जवाब का पुनरीक्षण करने
को कहा
(नई दिल्ली 1 सितम्बर 2011 काथलिक वर्ल्ड न्यूज) भारत के उड़ीसा राज्य में सन 2008 में
हुई ईसाई विरोधी हिंसा तथा दंगे जिसमें लगभग 100 लोग मारे गये तथा 50 हजार लोग बेघर हो
गये थे इस ख्रीस्तीय विरोधी हवा के खिलाफ उड़ीसा सरकार के प्रत्युत्तर से असंतुष्ट भारत
के सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से एक रिपोर्ट जमा करने को कहा है। कटक
भुवनेश्वर के महाधर्माध्यक्ष जोन बरवा ने कहा कि पुर्नवास के सब कार्यक्रमों और गतिविधियों
में सरकार बुरी तरह से विफल रही है। हिंसा के दौरान लगभग 230 गिरजाघर और प्रार्थनालय
नष्ट कर दिये गये थे। स्थानीय कलीसियाई सूत्रों का हवाला देते हुए फीदेस समाचार सेवा
ने कहा कि लगभग 6 हजार मकानों में आग लगा दी गयी थी तथा उन्हें नष्ट कर दिया गया। पुलिस
को बताये गये हिंसा के 3232 मामलों में आधिकारिक रूप से केवल 828 मामलों को ही दर्ज किया
गया। निचली अदालतों ने 639 आरोपियों को बरी कर दिया तथा हत्या के केवल 19 मामलों में
ही दोषियों को सज़ा सुनाई गयी है।