2011-08-31 12:20:42

वाटिकन सिटीः वाटिकन के राजदूत ने धार्मिक सम्पत्ति की वापसी पर तुर्की के निर्णय की प्रशंसा की


वाटिकन सिटी, 31 अगस्त सन् 2011 (सीएनएस): तुर्की के प्रधान मंत्री की इस घोषणा को वाटिकन के राजदूत महाधर्माध्यक्ष अतोनियो लूचीबेल्लो ने "एक ऐतिहासिक निर्णय" निरूपित किया जिसमें ग़ैरमुसलमानों से जब्त सैकड़ों सम्पत्तियों की वापसी की जायेगी अथवा क्षतिपूर्ति की जायेगी।

महाधर्माध्यक्ष लूचीबेल्लो ने कहा कि "हालांकि रोमन काथलिक कलीसिया को इस से लाभ नहीं होगा, तुर्की की विश्वसनीयता के लिये यह एक महत्वपूर्ण कदम है।"

अंकारा से सीएनएस समाचार एजेन्सी के साथ टेलीफोन वार्ता में महाधर्माध्यक्ष ने कहा, "तुर्की की सरकार देश में एकता एवं पुनर्निर्माण को बहाल करना चाहती है और उक्त निर्णय इसका एक उत्कृष्ट संकेत है। इसके अतिरिक्त, इससे यह भी स्पष्ट हो जायेगा कि तुर्की में अब कोई प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी के नागरिक नहीं हैं।"

तुर्की के प्रधानमंत्री रिसेप तईप एरडोगन ने 28 अगस्त को घोषणा की थी कि उनकी सरकार स्कूलों, अनाथालयों और अस्पतालों सहित संपत्ति के उन सैकड़ों टुकड़ों को लौटा देगी जो सरकार द्वारा सन् 1936 में जब्त किये गये थे। इनमें यहूदियों, ग्रीक ऑरथोडोक्स कलीसिया, आर्मेनियाई ऑरथोडोक्स एवं आरमेनियाई काथलिक कलीसिया, सीरियन ऑरथोडोक्स, सीरियन काथलिक तथा खलदेई काथलिकों की सम्पत्तियाँ शामिल हैं।

यद्यपि, सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें, यूरोपीय यूनियन तथा मानवाधिकार समर्थकों ने तुर्की पर सब धर्मों के सम्मान हेतु दबाव डाला है तथापि रोमन काथलिक कलीसिया तथा प्रॉटेस्टेण्ट कलीसियाओं को तुर्की में वैधानिक मान्यता प्राप्त नहीं है।








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