लाहौर, 31 अगस्त सन् 2011 (कैथन्यूज़): पाकिस्तान के ख्रीस्तीय समूहों ने हत्या के शिकार
बने राज्यपाल के बेटे के अपहरण की कड़ी निन्दा की है तथा आशंका जताई है कि अपहरण हत्या
पर चल रहे मुकद्दमें के फ़ैसले को प्रभावित कर सकता है।
जनवरी माह में, पाकिस्तान
के रूढ़िवादी इस्लामी दलों ने, पंजाब प्रान्त के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या कर दी गई
थी। उन्होंने पाकिस्तान के ईश निन्दा कानून के विरुद्ध आवाज़ उठाई थी।
26 अगस्त
को, गवर्नर सलमान तासीर के बेटे, शाहबाज़ तासीर का अपहरण कर लिया गया। सरकारी एजेन्सियाँ
अब तक उनका पता नहीं लगा पाई हैं। 29 अगस्त को प्रधान मंत्री युसुफ रज़ा गिलानी ने तासीर
परिवार के निवास जाकर उन्हें आश्वासन दिया था कि सरकार उनके बेटे को वापस लाने का हर
सम्भव प्रयास करेगी।
इस बीच, लाहौर के काथलिक महाधर्माध्यक्ष लॉरेन्स सलडाना
ने कहा, "तासीर को दुख भोगना पड़ रहा है क्योंकि परिवार के अध्यक्ष ने ख्रीस्तीयों का
पक्ष लिया था। परिवार की पत्रकार बेटी धमकियाँ मिलने के बाद देश छोड़कर चली गई है। अपहरण
के कारण स्थिति और अधिक तनावपूर्ण बन गी है।"
यद्यपि, किसी आतंकवादी दल ने शाहबाज़
तासीर के अपहरण की ज़िम्मेदारी नहीं ली है, ख्रीस्तीय कार्यकर्त्ताओं को आशंका है कि
अपहरण से गवर्नर की हत्या करनेवाले अंगरक्षक पर चलाया जा रहा मुकद्दमा प्रभावित होगा।
पाकिस्तानी काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की न्याय एवं शांति सम्बन्धी समिति
के समन्वयकर्त्ता बेहराम खान ने बताया कि तासीर परिवार के आग्रह पर उन्होंने, विगत शनिवार
के लिये तय, एक विरोध प्रदर्शन को रद्द कर दिया था।
इस सिलसिले में महाधर्माध्यक्ष
सलडाना ने भी कहा कि स्थिति नाज़ुक है तथा शाहबाज़ तासीर की रिहाई के लिये ज़रूरी है
कि सोच बूझकर कदम उठाये जायें। ईश निन्दा कानून के बारे में उन्होंने कहा कि इस प्रश्न
को राजनीति का रंग दे दिया गया है इसलिये सत्ता में आनेवाली कोई भी सरकार इस दिशा में
निःसहाय ही रहेगी।