2011-08-23 20:47:57

विश्व युवा दिवस – संत पापा के संदशों का सार


श्रोताओ, पिछले सप्ताह 16 अगस्त से स्पेन के मैडरिड में 6 दिवसीय विश्व युवा दिवस आयोजन किया गया था जिसमें देश-विदेश से लाखों युवाओं ने स्पेन की राजधानी मैडरिड पहुँचे और ईसाइयों के महाधर्मगुरु संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें की उपस्थिति और उसके दिव्य संदेश से लाभ उठाया है। मैडरिड विश्व युवा दिवस की विषयवस्तु थी

कार्यक्रम के अनुसार संत पापा ने 14 विभिन्न मौकों पर बड़ी तादाद में उपस्थित युवाओं को अपने संदेश दिये।

धन्य जोन पौल द्वितीय के आह्वान पर 31 मार्च सन् 1985 में पहली अंतराष्ट्रीय विश्व दिवस का भव्य आयोजन रोम के संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में किया गया था। और तब से प्रत्येक दो या तीन वर्ष के अंतराल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व युवा दिवस या वर्ल्ड यूथ डे (WYD) का आयोजन होता रहा है। मैडरिड में होनेवाला विश्व युवा दिवस 26वाँ अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस था पर रोम के बाहर होने वाला 10 वाँ। अगला विश्व युवा दिवस ब्राजील के रियो दि जेनेरियो में सन् 2013 में सम्पन्न होगा।

विश्व दिवस के प्रति पूरी दुनिया के लोगों ने जिस तरह का उत्साह दिखाया है वह अद्वितीय है। विश्व के अनेक यूरोपीय देशों के अलावे सन् 1995 ईस्वी में एशिया में फिलीपींस की राजधानी मनीला में युवाओं ने जिस तरह से इस आयोजन की ज़िम्मेदारी निभायी वह निश्चय ही तारीफ़-ए-काबिल है।

प्रत्येक समारोह में ईसाइयों के महाधर्मगुरु संत पापा की पावन उपस्थिति और उनके जीवनोपयोगी वचनों से विश्व भर के युवाओं को एक अर्थपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा प्राप्त हुई है। विगत् विश्व युवा दिवस (वियुदि) की तरह भारत के युवाओं में भी इस समारोह को लेकर भारी उत्साह देखा गया है। वैसे विश्व युवा दिवस के समारोहों का आधार काथलिक विश्वास है पर हज़ारों की संख्या में ग़ैरकाथलिक और भी इस समारोह में हिस्सा लेकर लाभान्वित होते रहे हैं।

आइये हम आपको विश्व युवा दिवस या ‘वर्ल्ड यूथ डे’ में संत पापा के विश्व युवा दिवस के लिये प्रस्थान से लेकर इसके समापन तक के मुख्य संदेशों के सार पर ग़ौर करें।

सबसे पहले तो हम उन बातों पर ग़ौर करें जिसे संत पापा ने 18 अगस्त वृहस्पतिवार मैडरिड के लिये प्रस्थान करने से पूर्व कास्तेल गंदोल्फो में कहा था। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया था कि युवा प्रार्थनाओं का सहारा लें ताकि वे ख्रीस्तीय जीवन जीने के लिये भरपुर कृपायें प्राप्त कर सकें। वे कृतज्ञता पूर्ण ह्रदय से अपने ख्रीस्तीय विश्वास के लिये ईश्वर को धन्यवाद दें, अर्थपूर्ण समर्पण के साथ ईश्वर के आमंत्रण का जवाब दें और येसु में अपनी नींव सुदृढ़ करें।

मैडरिड पहुँचने पर युवाओं का स्वागत करते हुए संत पापा ने कहा " मेरे युवा मित्रो ईश्वर ने आप सबों को यहाँ बुलाया है और मेरा विश्वास है कि आपकी उपस्थिति और सहभागिता से येसु का नाम पूरे शहर में गूँज उठेगा. "

उन्होंने कहा कि " विश्व युवा दिवस में भाग लेते हुए आप येसु के जीवन को गहराई से जानने का प्रयास करें। आपमें जो अच्छाइयाँ हैं उन्हें ईश्वरीय कृपा से बढ़ने का अवसर औसत तरीके से नहीं बल्कि उदारता एवं पवित्रता के उच्च आदर्श को सामने रखकर ईमानदारी से दें।"

संत पापा ने युवाओं से कहा कि " आप ईश्वर के प्रतिरूप हैं और हमें चाहिये कि आपको सच्चाई और भलाई की खोज़ करें और अपनी स्वतंत्र इच्छा का प्रयोग ज़िम्मेदारीपूर्वक करें ताकि आप अपना निर्माण करते हुए अपने मित्रों और पड़ोसियों के निर्माण में योगदान दें ताकि आप भी सह-सृष्टिकर्ता बन कर ईश्वर की सृष्टि के कार्य को आगे बढ़ा सकें।"
" आप दूरदर्शी और होशियार बनें और येसु मसीह पर अपने जीवन की नींव सुदृढ़ करें। ऐसा करने से ही आप सही अर्थ में प्रसन्न होंगे, भाग्यशाली होंगे और आपकी खुशी से अन्य भी प्रसन्न रहने की प्रेरणा पा सकेंगे।

जब मैडरिड में 19 अगस्त को क्रूस का रास्ता धर्मविधि सम्पन्न हुई तो उन्होंने युवाओं से कहा कि " येसु का दुःखभोग के बारे में चिन्तन करना एक बहुत बड़ी प्रार्थना है और जब इसकी प्रस्तुति आकर्षक तरीके से की जाती है तब यह हमें इसके गूढ़ रहस्य को समझने और ईश्वर के करीब आने में सहायक होती है। और तब हम अपने विश्वास को ठीक से समझ पाते हैं।"
संत पापा ने कहा कि " क्रूस असफलता का चिह्न नहीं था पर प्रेम का सबसे बड़ा प्रमाण था जिसे येसु ने अपने प्राणों का बलिदान चढ़ा कर दिया। क्रूस जीवन का अंत नहीं पर मानव के लिये आशा की एक नयी किरण लेकर आया था।"

क्रूस रास्ता की धर्मविधि के बाद संत पापा ने युवाओं को बताया कि " युवाओं जीवन इसलिये अर्थपूर्ण है क्योंकि ईश्वर उन्हें प्यार करते हैं। ईश्वर ने एक विशेष योजना के तहत् युवाओं को प्यार किया है। आज ज़रूरत है कि वे ईश्वर के इस प्रेम को पहचानें और उस पर विश्वास करें।"

उन्होंने कहा, " विश्वास का अर्थ यह नहीं कि हम अमूर्त बातों को स्वीकार करें लेकिन यह है कि हम येसु मसीह के साथ अपना संबंध गहरा करें। आज युवाओं के लिये इस बात की आवश्यकता है कि वे ईश्वर से कृपा की याचना करें और अपना रिश्ता येसु के साथ साथ प्रगाढ़ करें।"

संत पापा ने कहा, " आप न खुद से घबरायें और न ही जग से। आज आप येसु के मूल्यों और मनोभावों का साक्ष्य दुनिया को समक्ष खुलकर दें।"

संत पापा ने विश्व युवा दिवस के अंतिम दिन 21 अगस्त को हुए यूखरिस्तीय बलिदान में युवाओं को अपना संदेश देते हुए कहा, " मेरे युवा साथियो, यह यूखरिस्तीय समारोह विश्व युवा दिवस की पराकाष्ठा है। विश्वास मात्र ऐतिहासिक या प्रयोग द्वारा सिद्ध किये जाने वाले ज्ञान से बड़ा होता है। यह एक ऐसी आन्तरिक क्षमता है जो येसु मसीह के जीवन के रहस्य की गहराई को समझता हो।"

उन्होंने कहा कि " फिर भी ऐसा नहीं समझा जाना चाहिये कि विश्वास सिर्फ़ मानव प्रयासों या उसकी तर्कशक्ति का परिणाम है। यह वास्तव में ईश्वर का एक वरदान है जैसा कि येसु ने कहा धन्य हो सिमोन क्योंकि तुम पर यह ज्ञान स्वर्गीय पिता ने ही प्रकट किया है।"
" विश्वास वास्तव में ईश्वर से ही आरंभ होता है जो हमें आमंत्रित करता है ताकि हम ईश्वरीय जीवन के सहभागी हो सकें। विश्वास हमें सिर्फ़ येसु के बारे सूचनायें नहीं देता पर येसु के साथ एक आत्मीय संबंध बनाता है ताकि हम दिव्य प्रकाशना को पूरी समझदारी, इच्छा और भावनाओं के साथ अपने आपको पूर्ण रूप से समर्पित करें।"
उन्होंने कहा, " हम याद रखें कि विश्वास हमें अपने गुरू का अनुसरण करने को आमंत्रित करता है इसलिये हमें चाहिये कि हम हमारा संबंध गुरू के साथ मजबूत और सुदृढ़ इस उँचाई तक करें कि हम चेलों के समान पुनर्जीवित येसु को अपनी आँखों से देख सकें।"


मेरे प्रिय युवा दोस्तो, " प्रेरित संत पीटर के उत्तराधिकारी के रूप में मैं आप लोगों से निवेदन करता हूँ कि आप प्रेरितों के द्वारा हम तक पहुँचाया गये इस विश्वास को सुदृढ़ करें। ईशपुत्र येसु को अपने जीवन का केन्द्र बनाइये। इसके साथ यह भी न भूलिये कि येसु का अनुसरण करने का अर्थ है कलीसिया के साथ चलना। आप इस बात को भी याद करें कि आप येसु का अनुसरण करनेवाले अकेले नहीं हैं।"


उन्होंने कहा कि " यदि आप सोचते हैं कि आप इस प्रलोभन में फँसते हैं कि आप येसु का अनुसरण अकेले कर सकते हैं तो संभव है आप व्यक्तिवादी बन कर नकली येसु का अनुसरण करने लगेंगे। येसु पर विश्वास करना अर्थात् अपने विश्वास से दूसरों को मदद देना और दूसरों के विश्वास से अपने विश्वास को मजबूत करना।"
संत पापा ने कहा, " मित्रो, मैं आपलोगों से यह भी कहना चाहता हूँ कि आप कलीसिया को प्यार करें जिसने आपको यह विश्वास दिया जिससे आपने येसु को जाना और उसके प्यार का अनुभव का अनुभव किया। मैं आप लोगों को इस बात को भी बताना चाहता हूँ येसु के साथ दोस्ती करने का अर्थ है सहर्ष पल्ली के क्रिया-कलापों में हिस्सा लेना, रविवारीय यूखरिस्तीय बलिदान में हिस्सा लेना, पापस्वीकार संस्कार ग्रहण करना, व्यक्तिगत प्रार्थना करना, ईशवचन सुनना और विभिन्न संगठनों और आंदोलनों में हिस्सा लेना।"
उन्होंने कहा कि " दूसरों को बताइये कि येसु में विश्वास करने से कितनी खुशी प्राप्त होती है। आज दुनिया को आपके विश्वास के साक्ष्य की ज़रूरत है। आज मैं आपके लिये सस्नेह प्रार्थना करते हुए माता मरिया के चरणों में सौंप देता हूँ ताकि हम एक साथ पवित्रता में आगे बढ़ें और पूरी मानवजाति को ईशपुत्र जीवन और आशा के श्रोत प्रभु येसु की सत्यता का साक्ष्य प्रभावपूर्ण तरीके से दे सकें।"







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