2011-08-16 20:41:46

विश्व युवा दिवस – एक परिचयः भाग दो
16 अगस्त, 2011


16 अगस्त, मंगलवार से अगस्त से स्पेन की राजधानी मैडरिड में विश्व युवा दिवस महोत्सव (वियुदि) आरंभ हो चुका है जिसमें देश-विदेश से लाखों युवा भाग ले रहे हैं। वियुदि 21 अगस्त तक जारी रहेगा जिसमें युवा विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेते हुए नये अनुभव प्राप्त करेंगे और आध्यात्मिक रूप से लाभान्वित होंगे।

धन्य जोन पौल द्वितीय के आह्वान पर 31 मार्च सन् 1985 में पहली अंतराष्ट्रीय विश्व दिवस का भव्य आयोजन रोम के संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में किया गया था। तब से प्रत्येक दो या तीन वर्ष के अंतराल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व युवा दिवस या ‘वर्ल्ड यूथ डे’ (WYD) का आयोजन होता रहा है। मैडरिड में होनेवाला विश्व युवा दिवस 12वाँ अंतरराष्ट्रीय विश्व युवा दिवस है।

विश्व दिवस के प्रति पूरी दुनिया के लोगों ने जिस तरह का उत्साह दिखाया है वह अद्वितीय है। विश्व के अनेक यूरोपीय देशों के अलावे सन् 1995 ईस्वी में एशिया में फिलीपींस की राजधानी मनीला में युवाओं ने जिस तरह से इस आयोजन की ज़िम्मेदारी निभायी वह निश्चय ही तारीफ़-ए-काबिल है।

18 अगस्त, वृहस्पतिवार से प्रत्येक मुख्य समारोहों में ईसाइयों के महाधर्मगुरु संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें की पावन उपस्थिति और उनके जीवनोपयोगी वचनों से विश्व भर के युवाओं को अपार खुशी और एक अर्थपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा प्राप्त होगी। विगत् विश्व युवा दिवस की तरह इस बार भी भारत के युवाओं में भी इस समारोह को लेकर भारी उत्साह देखा गया है। वैसे विश्व युवा दिवस के समारोहों का आधार काथलिक विश्वास है पर हज़ारों की संख्या में ग़ैरकाथलिक भी इस समारोह में हिस्सा लेकर लाभान्वित होते रहे हैं।

पिछले सप्ताह हमने विश्व युवा दिवस या ‘वर्ल्ड यूथ डे’ की प्रेरणा इतिहास और आयोजन संबंधी तथ्यों से अवगत कराया आज हम आपके लिये जानकारी प्रस्तुत करेंगे विश्व युवा दिवस से करीबी से जुड़े ‘विश्व युवा दिवस क्रूस’ के बारे में।

विश्व युवा दिवस में जिस क्रूस का प्रयोग किया जाता है उसे विभिन्न नामों से जाना जाता है। लोग इसे ‘पवित्र वर्ष क्रूस, ‘जुबिली क्रूस’ या ‘विश्व युवा दिवस क्रूस’ भी कहा करते है। कई लोगों ने तो इस ‘तीर्थयात्री क्रूस’ भी कह कर भी पुकारा है। ‘तीर्थयात्री क्रूस’ क्योंकि इसे संत पापा ने युवाओं को दिया ताकि वे इसे दुनिया के कोने-कोने में तक पहुँचायें।

पवित्र क्रूस को इतना सम्मान देने के पीछे और इसे विश्व में घुमाये जाने के पीछे एक विशेष कारण है। सन् 1984 ईस्वी में संत पापा जोन पौल द्वितीय ने ‘मुक्ति के पावन वर्ष’ के अवसर पर यह निर्णय लिया था कि रोम के संत पेत्रुस बसीलिका के मुख्य वेदी के पास एक लकड़ी का क्रूस स्थापित किया जाये। संत पापा की उस इच्छा को पूर्ण करते हुए संत पेत्रुस महागिरजाघर की वेदी के पास 3-8 मीटर उँचा एक क्रूस को स्थापित किया गया।

जब ‘मुक्ति का पावन वर्ष’ समाप्त हुआ तो संत पापा ने 22 अप्रैल, सन् 1984 ईस्वी को पेत्रुस बसिलिका का पवित्र दरवाज़ा बन्द करते हुए उसी पावन क्रूस को रोम में अवस्थित संत लौरेंस अंतरराष्ट्रीय युवा केन्द्र के युवाओं को सौंप दिया।

पावन क्रूस को युवाओं को सौंपते समय उन्होंने उनसे कहा " मेरे युवा साथियो पावन वर्ष के समापन पर मैं आपलोगों को जुबिली वर्ष का यह प्रतीक चिह्न ‘येसु का क्रूस’ देता हूँ। यह येसु मसीह का मानवता के प्रति अपार प्रेम का चिह्न है। इसे पूरी दुनिया में ले जाइये और इस बात की घोषणा कीजिये कि येसु की मृत्यु और जी उठने में विश्वास करने में ही मोक्ष और मोचन है।"

युवाओं ने संत पापा द्वारा दिये गये पवित्र क्रूस को ग्रहण किया और उनकी इच्छा को अपनी इच्छा के रूप में परिणत कर लिया। तब से पवित्र क्रूस विश्व की यात्रा करती रहती है और जब वह रोम वापस आती है तो इस पुनः संत लौरेंस युवा सेंटर में ही रखा जाता है। इस तरह से रोम स्थित संत लौरेंस सेंटर पावन क्रूस स्थायी आवास बन गया है।

सन् 2003 के पवित्र खजूर रविवार के मिस्सा के बाद संत पापा जोन पौल द्वितीय ने युवाओं को ‘मरिया सालुस पोपुली रोमानी’ की एक तस्वीर की एक प्रति दी और कहा कि " यह तस्वीर जो जर्मनी से यहां लायी गयी है जिसे मैं आप लोगों को देता हूँ। संत पापा ने माता मरिया की तस्वीर के बारे में कहा कि यह एक चिह्न होगा जो युवाओं को माता मरिया की उपस्थिति और ममता का अनवरत आभास देता रहेगा।"

इसके बाद से प्रत्येक युवा दिवस में में माता मरिया की यह तस्वीर भी विश्व युवा दिवस की तीर्थयात्रा में शामिल हो गय और पावन क्रूस और माता मरिया की तस्वीर दोनों विश्व युवा दिवस के अभिन्न अंग बन गये।

यह भी विदित हो कि माता मरिया की मूल तस्वीर को रोम ‘संत मरिया मेज़र’ बसिलिका में रखा गया है।

पवित्र क्रूस के बारे में बताया जाता है कि इस पावन क्रूस से कई लोगों को प्रेरणायें प्राप्त हुई हैं जिनके बारे में साक्ष्य दिये गये हैं वो इन्टनेट में उपलब्ध हैं।

सन् 1985 ईस्वी में जब लोगों ने इसके बारे में जाना तब उन्हेंने इस पराग्वे लाये जाने का निवेदन किया। और इसी प्रकार से पवित्र क्रूस ने विभिन्न देशों की अपनी तीर्थयात्रा आरंभ की।

सन् 1985 ईस्वी मे संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व युवा वर्ष घोषित किया। इसी साल रोम में पवित्र खजूर रविवार को युवाओं का महासम्मेलन हुआ जिसमें युवाओं की संख्या 3,000,000 थी। तब संत पापा ने युवाओं के समक्ष इस बात की घोषणा की कि अब से प्रत्येक पवित्र खजूर रविवार को युवा दिवस के रूप में मनाया जायेगा।

अब तक ग्यारह अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस सम्पन्न हो चुके हैं। मैडरिड में चल रहा विश्व युवा दिवस 12वाँ अंतराष्ट्रीय विश्व युवा दिवस है। वैसे धर्मप्रांतीय स्तर पर 15 अन्य युवा दिवस मनाये जा चुके हैं।
रोम में सन् 1985 में इसके सफल आयोजन के बाद सन् 1987 में अर्जेन्टिना के व्योनेस आयरेस में, सन् 1989 में स्पेन के सान्तियागो दे कोमपोस्तेला मे, सन् 1991 में पोलैंड के चेस्तोकोवा में इसका आयोजन किया था। सन् 1993 में अमेरिका के डेनवेर में, सन् 1995 में फिलीपींस के मनीला में जहाँ पाँच लाख युवाओं ने भाग लिया था जो संख्या के आधार पर युवाओं के सबसे बड़ा सम्मेलन माना जाता है। सन् 1997 में फ्रांस के पेरिस में, सन् 2000 में पुनः रोम में, सन् 2002 में कनाडा के टोरोन्टो में तथा सन् 2005 में जर्मनी के कोलोन में इसका आयोजन किया था जिसमें पहली बार संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें उपस्थित हुए थे।

सन् 2008 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में सम्पन्न विश्व युवा दिवस ओशियाना क्षेत्र का पहला विश्व युवा दिवस था। अगले सप्ताह मैडरिड विश्व युवा दिवस के आयोजन से स्पेन रोम के बाद पहला ऐसा राष्ट्र बन जायेगा जिसने विश्व युवा दिवस का आयोजन दूसरी बार किया हो। विश्व युवा दिवस का विभिन्न देशों में आयोजन के साथ ही क्रूस को उन देशों की यात्रायें करने का अवसर मिलता है।

सन् 2001 ईस्वी में पवित्र क्रूस को कनाडा होते हुए न्यूयॉर्क में ग्राउन्ड जीरो तक लाया गया। यह भी स्मरण रहे कि मौन्ट्रियल से टोरोन्टो की 43 किलोमीटर की दूर भी युवाओं ने पैदल ही पूरी की थी।

सन् 2008 में ऑस्ट्रेलिया में विश्व युवा दिवस के पूर्व पवित्र क्रूस ने 5 महादेशों की यात्रा पूरी कर ली थी। विगत् साल पवित्र क्रूस स्पेन के विभिन्न धर्मप्रांतों का दौरा करते हुए मैडरिड पहुँच चुका है।

पवित्र क्रूस का विभिन्न स्थानों में जाने और उनके स्वागत के लिये युवाओं में जो उत्साह दिखाई पड़ा है वह अतुलनीय है।

सन् 2002 में टोरोन्टो विश्व दिवस के पूर्व पवित्र क्रूस और माता मरिया की पवित्र तस्वीर के बारे में बोलते हुए एक युवा ने कहा था " पवित्र क्रूस का पूरे देश में व्यापक प्रभाव देखा गया। जब क्रूस को इताली युवाओं ने कनाडा के युवाओं के सुपुर्द किया तब की घटना ह्रदय को छूनेवाली थी। इटली के युवाओं में आँसू थे क्योंकि वे पवित्र क्रूस को छोड़ना नहीं चाहते थे और कनाडा के युवाओं की आँखे तर थी क्योंकि उन्हें मालूम था कि वे एक शक्तिशाली पवित्र चिह्न को प्राप्त कर रहे हैं जो उनके देश को वरदान सिद्ध होगा।"

आज आपने जानकारी प्राप्त की विश्व युवा दिवस के पूर्व वर्ल्ड यूथ डे संबंधी जानकारी और इसके ‘तीर्थयात्री क्रूस’ के बारे में। अगले सप्ताह हम आपके लिये जानकारी देंगे मैडरिड में होने वाले विश्व युवा दिवस की कई महत्त्वपूर्ण तथ्यों के बारे में।









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