गुवाहाटीः महाधर्माध्यक्ष ने संस्कृति के कटाव पर किया दुख प्रकट
गुवाहाटी, 16 अगस्त सन् 2011 (कैथन्यूज़): गुवाहाटी के महाधर्माध्यक्ष थॉमस मेनामपरमपिल
ने कहा है कि संस्कृति से "कटाव" आधुनिक युग की सबसे बड़ी त्रासदी है।
इस बात
पर महाधर्माध्यक्ष ने अफसोस जताया कि, "वैश्वीकरण के कारण जैसे जैसे लोग स्वतः को अपनी
संस्कृति से दूर कर रहे हैं वैसे वैसे वे विरासत में मिले नैतिक मूल्यों को भी भूलते
चले जा रहे हैं।"
महाधर्माध्यक्ष मेनामपरमपिल, 65 वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य
में "सामाजिक विज्ञानों की अनुसंधान प्राथमिकताओं" पर गुवाहाटी में आयोजित एक विचार गोष्ठी
के प्रतिभागियों को सम्बोधित कर रहे थे।
इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए
कि सामाजिक बन्धन एक के बाद एक टूटते चले जा रहे हैं तथा समुदाय एवं अपनेपन की भावना
गुम होती नज़र आ रही है, उन्होंने कहा, "जिस आचार संहिता ने एक युग में समुदाय को प्रेरित
एवं निर्देशित किया था वर्तमान युग में, उसके प्रति सम्मान ख़त्म हो गया है। इस प्रकार
उन्होंने कहा कि आज का समुदाय जड़हीन व्यक्तियों तथा अस्मिताहीन व्यक्तियों का समुदाय
मात्र बनकर रह गया है।
महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि 65 वर्षों पूर्व हमने स्वतंत्रता
प्राप्त की थी किन्तु अब ग़ैरज़िम्मेदाराना मीडिया और आक्रामक विचारधाराओं के अधीन होकर
हम ख़ुद अपनी स्वतंत्रता को सीमित कर रहे हैं।
उन्होंने सुझाव दिया कि हम "हिंसा,
भ्रष्टाचार, पर्यावरण एवं संस्कृतियों पर बने ख़तरों जैसी समस्याओं पर गूढ़ चिन्तन करें।"