माता मरिया के प्रति प्रेम के नवीनीकरण का त्योहार है स्वर्गोद्ग्रहण
कास्तेल गंदोल्फो, 15 अगस्त, 2011(सेदोक) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा है कुँवारी
माता मरिया के स्वर्गोद्ग्रहण का महोत्सव एक कृपा है जिसके द्वारा हम माता मरिया के प्रति
अपने प्रेम को नया करें उसके द्वारा महान् कार्य किये जाने की सराहना करें।
संत
पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने माता मरिया के सशरीर स्वर्ग में उठा लिये
जाने के पर्व के अवसर पर कास्तेल गंदोल्फो के संत थोमस विलियानोभा के परमधर्मपीठीय पल्ली
में आयोजित ख्रीस्तयाग के समय प्रवचन में कहा।
संत पापा ने कहा कि " माता मरिया
ईश्वरीय उपस्थिति का जीवन्त संदूक हैं। माता मरिया कि महानता इसी में है कि वे ईश्वर
की माता, कृपा से पूर्ण, पवित्र आत्मा की आज्ञाकारी रहीं जिनके तन, मन और दिल में ईश्वर
निवास करते थे।"
उन्होंने कहा कि " माता मरिया को स्वर्ग का संदूक कहना इसलिये
उचित है क्योंकि वे आज भी येसु का सृजन करती और उसे लोगों को देती है। वे हमें इस
बात के लिये आमंत्रित करती है कि हम भी येसु की उपस्थिति के संदूक बनेँ।"
उन्होंने
कहा कि " यदि हम ईश्वर की उपस्थिति के संदूक बनेंगे तो जो हमारे संपर्क में आयेंगे वे
ईश्वरीय उपस्थिति का अनुभव कर पायेंगे।"
सुसमाचार में हम पाते हैं कि जब माता
मरिया एलिजबेथ से मिलीं तो उन्हें माता मरियम में ईश्वरीय उपस्थिति पहचाहने में कोई कठिनाई
नहीं हुई।
संत पापा ने कहा कि " आज के स्वर्गोद्ग्रहण के दिन हम माता मरिया
की ओर देंखे जो हममें आशा का संचार करेगी, राह दिखाएगी और अपने पुत्र येसु पर विश्वास
करना हमे सिखलायेगी तथा हमारी मंजिल अर्थात् पूर्ण आनन्द तथा सच्ची शांति को प्राप्त
करने में हमारी मदद करेंगी।"