2011-08-10 18:20:29

श्रीलंका सरकार पूर्व जेनरल फोन्सेका को रिहा करे


कोलोम्बो, 10 अगस्त, 2011 (कैथन्यूज़) मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं ने माँ की है कि सरकार श्रीलंका के पूर्व जेनरल शरथ फोन्सेका और अन्य राजनीतिक बंदियों को मुक्त करे और देश में प्रजातंत्र बहाल करे।
ग़ौरतलब है कि लिट्टे को हराने वाले पूर्व जेनरल को 8 फरवरी 2010 को ग़िरफ़्तार कर लिया गया था।
उन पर आरोप है कि उन्होंने अवैध रूप से हथियोरों का कारोबार किया और एक षडयंत्र रचकर एक माह पूर्व हुए चुनाव में विजयी महिन्द्र राजापक्षे का तख़्ता पलटने का प्रयास किया। फोन्सेका 30 माह की सजा काट रहे हैं।
पूर्व जेनरल सरथ फोनेसका के रिहाई की माँग करते हुए श्री लंका के चित्रकार और प्रध्यापक चंद्रगुप्त थेनुवारा ने कहा, " सरकार ने लोगो के प्रजातांत्रिक अधिकारों का हनन किया है औरकई लोगों को बिना कानूनी मदद के जेल में बंद कर दिया है।"
ज्ञात हो इससे पूर्व भी कई धार्मिक नेताओं ने सरकार से अपील की थी कि वे फोन्सेका को रिहा कर दें।
विक्रमबाबू करुणारत्ने नामक एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि " सरकार राज्य आतंकवाद को बढावा देती है और दूसरी ओर दुनिया के समक्ष अपने को प्रजातांत्रिक दिखाने का ढोंग रचती है। "
कैथोलिक बिशप्स कॉन्फेरेन्स न पिछले साल ही सरकार से अपील की थी कि वह फोन्सेका को रिहा कर दे।
जाफ़ना में बंदियों के चैपलिन फादर एस. आइसली रोशन का कहना है कि सरकार राजनीतिक बंदियों को मुक्त करे और उन्हें न्याय प्रदान करे। "








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