अगले सप्ताह 16 ले 21 अगस्त तक स्पेन के मैडरिड में विश्व युवा दिवस आयोजन किया है जिसमें
देश-विदेश से लाखों युवा स्पेन की राजधानी मैडरिड पहुँच रहे हैं। धन्य जोन पौल द्वितीय
के आह्वान पर 31 मार्च सन् 1985 में पहली अंतराष्ट्रीय विश्व दिवस का भव्य आयोजन रोम
के संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में किया गया था। तब से प्रत्येक दो या तीन वर्ष
के अंतराल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व युवा दिवस या वर्ल्ड यूथ डे (WYD) का आयोजन
होता रहा है। मैडरिड में होनेवाला विश्व युवा दिवस 12वाँ अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस होगा।
विश्व
दिवस के प्रति पूरी दुनिया के लोगों ने जिस तरह का उत्साह दिखाया है वह अद्वितीय है।
विश्व के अनेक यूरोपीय देशों के अलावे सन् 1995 ईस्वी में एशिया में फिलीपींस की राजधानी
मनीला में युवाओं ने जिस तरह से इस आयोजन की ज़िम्मेदारी निभायी वह निश्चय ही तारीफ़-ए-काबिल
है।
प्रत्येक समारोह में ईसाइयों के महाधर्मगुरु संत पापा की पावन उपस्थिति और
उनके जीवनोपयोगी वचनों से विश्व भर के युवाओं को अपार खुशी और एक अर्थपूर्ण जीवन जीने
की प्रेरणा प्राप्त हुई है। विगत् विश्व युवा दिवस (वियुदि) की तरह भारत के युवाओं में
भी इस समारोह को लेकर भारी उत्साह देखा गया है। वैसे विश्व युवा दिवस के समारोहों का
आधार काथलिक विश्वास है पर हज़ारों की संख्या में ग़ैरकाथलिक और भी इस समारोह में हिस्सा
लेकर लाभान्वित होते रहे हैं।
आइये हम आपको विश्व युवा दिवस या ‘वर्ल्ड यूथ
डे’ की प्रेरणा इतिहास और आयोजन संबंधी तथ्यों से अवगत करा दें।
विश्व युवा दिवस
काथलिक युवाओं का एक अंतरराष्ट्रीय महोत्सव है जो धन्य जोन पौल द्वितीय के पहल और आह्वान
पर सन् 1985 ईस्वी में हुआ। इसी वर्ष को संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व युवा वर्ष भी घोषित
किया था।
संत पापा जोन पौल ने इस अवसर को ही और ही अर्थपूर्ण बनाते हुए युवाओं
के लिये एक ऐसी परंपरा की शुरुआत की जिसका विश्व में युवा जगत् पर व्यापक प्रभाव होता
रहेगा।
विश्व युवा दिवस का आरंभ करने के पीछे जिस व्यक्तिगत प्रेरितिक अनुभव को
जोड़ा जाता है वह सन् 1960 के दशक में संत पापा जोन पौल द्वितीय एक नवजवान पुरोहित के
रूप में युवाओं के साथ कार्य करना।
एक पुरोहित के रूप में जोन पौल द्वितीय (तब
फादर करोल वोयतिवा) ने कराकोव के संत फ्लोरियन चर्च में रहकर युनिवर्सिटी में युवाओं
का एक दल बनाया था जिसे पोलिस भाषा में ‘स्रोदोविस्को’ कहा था जिसको अंग्रेज़ी में सटीक
अनुवाद तो नहीं किया जा सकता पर इसे ‘एनवायरनमेंट’ या ‘वातावरण’ के रूप में समझा जा सकता
है।
हालाँकि धन्य जोन पौल इसे ‘मिल्यु’ अर्थात् ‘परिवेश’ के रूप में समझा जा
सकता है। ‘स्रोदोवस्को’ नामक इस दल में करीब 200 युवा शामिल होते थे जो अपने विचारों
का आदान-प्रदान करते थे और यही स्वाभिव्यक्ति बाद में उन्हें आपसी समझदारी जीवन के मूल्यों
को समझने में मदद देने लगा था।
यह मित्रता का एक ऐसा केन्द्र था जहाँ इसके प्रतिभागी
तो लाभान्वित हुए ही फादर करोल वोयतिवा ने भी अपने विचारों और सोचने के तौर-तरीकों में
परिपक्वता प्राप्त की जिसका उपयोग उन्होंने एक पुरोहित धर्माध्यक्ष कार्डिनल और फिर ईसाइयों
के धर्मगुरु किया।
तो ये तो रही धन्य जोन पौल द्वितीय के युवाओं के लिये कार्य
के कार्य करने और विश्व युवा दिवस की शुरुआत करने पृष्ठभूमि। अब आइये हम इस बात को भी
जानें कि आज विश्व युवा दिवस कैसे मनाया जाता है।
परंपरागत रूप से विश्व युवा
दिवस युवाओं का एक अंतराष्ट्रीय महासम्मेलन है पर इसमें जिस बात पर बल दिया जाता है वह
है – ‘अनेकता में एकता’। एक ओर इसमें विभिन्न रंगों के झंडों, परिधानों, संगीतों व कलाओं
के साथ युवा इस बात को दिखाने का प्रयास करते हैं कि वे अलग पहचान लिये सम्मेलन में उपस्थित
हैं तो दूसरी ओर एक साथ विभिन्न कार्यक्रमों जैसे प्रार्थना, चिंतन, संत पापा के साथ
पैदल चलने और यूखरिस्तीय समारोह में भाग लेने के द्वारा इस बात का प्रदर्शन करते हैं
कि वे एक हैं। पिछला विश्व युवा दिवस जो ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में सन् 2008 में सम्पन्न
हुआ जिसमें युवाओं ने दस किलोमीटर की दूरी तय की थी।
अब तक ग्यारह अंतरराष्ट्रीय
युवा दिवस सम्पन्न हो चुके हैं। रोम में सन् 1985 में इसके सफल आयोजन के बाद अर्जेन्टिना
के व्योनेस आयरेस सन् 1987 में स्पेन के सान्तियागो दे कोमपोस्तेला मे सन् 1989 में,
पोलैंड के चेस्तोकोवा में सन् 1991 में इसका आयोजन किया था। सन् 1993 में अमेरिका के
डेनवेर में 1995 में फिलीपींस के मनीला में जहाँ पाँच लाख युवाओं ने भाग लिया था जो संख्या
के हिसाब से युवाओं के सबसे बड़ा सम्मेलन था। सन् 1997 में फ्रांस के पेरिस में, सन्
2000 में पुनः रोम में, सन् 2002 में कनाडा के टोरोन्टो में सन् 2005 में जर्मनी के कोलोन
में इसका आयोजन किया था जिसमें पहली बार संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें उपस्थित हुए थे।
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में सम्पन्न विश्व युवा दिवस ओशियाना क्षेत्र का पहला विश्व
युवा दिवस था। अगले सप्ताह मैडरिड विश्व युवा दिवस के आयोजन से स्पेन रोम के बाद पहला
ऐसा राष्ट्र बन जायेगा जिसने विश्व युवा दिवस का आयोजन दूसरी बार किया हो। श्रोताओ,
अब आइये मैं आप ‘लोगो’ या प्रतीक के बारे में जानकारी दें।
विश्व युवा दिवस
2011 के लिये जो ‘लोगो’ या प्रतीक बनाया गया है इसमें एक मुकुट है और मुकुट के ऊपर एक
क्रूस । मुकुट के साथ ही तीन युवाओं को दिखाया गया है और इसके नीचे में विश्व युवा दिवस
के परिवर्णी शब्द अर्थात् प्रथम अक्षरों को लिखा गया है स्पैनिश भाषा में (जोरनाडा मुन्दयल
दे ला जुवेनतुद) जेएमजे 2011 लिखा गया है और सबसे में नीचे में मैडरिड अंकित है जहाँ
पर विश्व युवा दिवस सम्पन्न होगा। इस लोगो में तीन रंगों लाल, पीला और नारंगी का प्रयोग
किया गया।
विश्व युवा दिवस के लिये बनाये गये ‘लोगो’ या प्रतीक के डिजाइनर होसे
गिलनोगुइज़ ने बताया है कि ‘लोगो’ के द्वारा वे इस संदेश को बताना चाहते हैं कि विश्व
भर के युवा संत पापा के साथ, क्रूस के नीचे मैडरिड की संरक्षिका अल्मुदेना की कुँवारी
के मुकुट के रूप में अपने विश्वास को दुनिया को प्रकट करें। मुकुट को अंग्रेज़ी के अक्षर
‘एम’ रूप में दिखाया गया है जो माता मरिया का प्रतीक है। सबसे ऊपर में क्रूस का चिह्न
इस बात को दिखाता है कि क्रूस ही संत पापा के साथ युवाओं की इस महासभा का संचालन करता
है। तीन युवाओं को एक-दूसरे के साथ मित्रवत जुड़ा हुआ, खुला, हँसमुख और सकारात्मक मुद्रा
में दिखलाया गया है। चित्र में जो तीन रंग हैं वे पवित्र तृत्व के आत्मिक प्रेम और दिव्य
आशिष के प्रतीक है। इसके द्वारा स्पेनवासियों ने अपने सौहार्दपूर्ण उत्साह को भी प्रकट
किया है।
आज आपने जानकारी प्राप्त की विश्व युवा दिवस के पूर्व वर्ल्ड यूथ डे
संबंधी जानकारी और इसके ‘लोगो’ के बारे में। अगले सप्ताह हम आपके लिये प्रस्तुत करेंगे
संत पापा की स्पेन यात्रा के बारे में जहाँ वे विश्व युवा दिवस की अध्यक्षता करेंगे।