नई दिल्लीः दलितों के अधिकारों के लिये ख्रीस्तीय धर्मानुयायी करेंगे विरोध प्रदर्शन
नई दिल्ली, 09 अगस्त सन् 2011 (कैथन्यूज़): भारत के काथलिक एवं विभिन्न ख्रीस्तीय सम्प्रदायों
के अनुयायी, 10 अगस्त को, अनुसूचित जाति सम्बन्धी भारतीय संवैधानिक आदेश सन् 1950 की
61 वीं बरसी पर, दलितों के अधिकारों के लिये विरोध प्रदर्शन करेंगे। ख्रीस्तीयों ने इस
दिन को "शोक दिवस" भी घोषित किया है।
उक्त आदेश के तीसरे अनुच्छेद के विरुद्ध
प्रदर्शन का आयोजन किया गया है क्योंकि यह अनुच्छेद, धर्म के आधार पर ख्रीस्तीय एवं मुसलमान
दलितों के साथ भेदभाव करता तथा उनके मानवाधिकारों का अतिक्रमण करता है।
उक्त
आदेश के तीसरे अनुच्छेद में लिखा है, "कोई भी व्यक्ति जो हिन्दु धर्म के सिवाय अन्य किसी
धर्म का पालन करता है अनुसूचित जाति का सदस्य नहीं हो सकता।"
देहली के काथलिक
महाधर्माध्यक्ष विन्सेन्ट कॉनचेसाओ तथा सी.एन.आई. यानि चर्च ऑफ नॉर्थ इन्डिया के महासचिव
आलवन मसीह के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया है।
इस बीच सरकार
ने कहा है कि अनुसूचित जाति सम्बन्धी संवैधानिक आदेश में संशोधन हेतु रंगनाथ मिश्रा आयोग
की रिपोर्ट में दिये गये सुझावों को संसद में पेश किया जाना आवश्यक नहीं है क्योंकि आयोग
की स्थापना सरकार के प्रस्ताव पर हुई थी। तथापि, अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री विन्सेन्ट
एच. पाला ने बताया कि आयोग की रिपोर्ट पर केन्द्रीय सरकार विचार कर रही है।