आन्ध्रप्रदेशः झूठे आरोपों के बाद पाँच ख्रीस्तीय गिरफ्तार, उनके हमलावर मुक्त
आन्ध्रप्रदेश, 09 अगस्त सन् 2011 (एशिया न्यूज़): आन्ध्रप्रदेश में धर्मान्तरण के झूठे
आरोपों के बाद पाँच ख्रीस्तीयों को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि उनके आक्रमणकर्त्ताओं को
बिना किसी कार्रवाई के मुक्त कर दिया गया।
चार अगस्त को करीम नगर ज़िले के रामागुणडम
स्थित पेन्टेकॉस्टल चर्च पर कुछ हिन्दु चरमपंथियों ने हमला कर दिया तथा पाँच सदस्यों
की पिटाई कर डाली। चर्च में दिन भर की प्रार्थना सभा हो रही थी जिसके पहले सत्र के बाद
ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों ने चर्च के बाहर एक चट्टान पर "जीज़स सेव्स" अर्थात् "येसु
बचाते हैं" लिख दिया था।
चट्टान एक हिन्दु मन्दिर के निकट ही थी जिससे राष्ट्रीय
स्वयं सेवक हिन्दु चरमपंथी दल के कतिपय कार्यकर्त्ता क्रोधित हो उठे और उन्होंने ख्रीस्तीयों
पर बलात धर्मान्तरण का आरोप लगाकर पुलिस में शिकायत कर दी। उन्होंने ख्रीस्तीय कार्यकर्त्ताओं
की पिटाई की तथा ख्रीस्तीय धर्म के विरुद्ध अपमानजनक भाषा का भी प्रयोग किया। पुलिस
ने घटनास्थल पर पहुंच कर पाँच ख्रीस्तीयों को गिरफ्तार कर लिया किन्तु आक्रमण करनेवाले
चरमपंथियों पर कोई कार्रवाई नहीं की।
ग्लोबल काऊन्सल ऑफ इन्डियन क्रिस्टियन्स
के अध्यक्ष साजन के. जॉर्ज ने इस घटना पर रोष व्यक्त करते हुए कहा, "यह चिन्ता विषय है
कि ख्रीस्तीयों पर झूठा आरोप लगाकर उन्हें गिरफ्तार किया जाता है जबकि आक्रमण करनेवाले
हिन्दु चरमपंथियों पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जाती।"
उन्होंने कहा कि
केवल हिन्दु अतिवादी ही ख्रीस्तीय विरोधी योजना को अनजाम नहीं दे रहे हैं बल्कि पुलिस
भी हमलावरों को गिरफ्तार करने के बजाय ख्रीस्तीयों को गिरफ्तार करने तथा उन्हें उत्पीड़ित
करने के लिये तुरन्त तैयार हो जाती है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति अत्यन्त ख़तरनाक है
क्योंकि इससे चरमपंथियों को शांतिप्रिय अल्पसंख्यक ख्रीस्तीय समुदाय को उत्पीड़ित करने
के लिये बढ़ावा मिलता है।
श्री जॉर्ज ने बताया कि जून माह से अब तक आन्ध्र प्रदेश
में ख्रीस्तीयों पर तीन हिंसक हमले हो चुके हैं किन्तु अपराधियों पर पुलिस ने कोई कार्रवाई
नहीं की है। 28 जून को भोंगीर मण्डल गाँव में हिन्दुओं ने 50 वर्षीय प्रॉटेस्टेण्ट पादरी
जॉनी लाज़रस की पिटाई कर उन्हें घायल कर दिया था तथा तीन जुलाई को रेवह. जी. एन. पौल
की हिन्दु चरमपंथियों ने बर्बर पिटाई कर उन्हें प्रार्थना सभाओं को रोकने की धमकियाँ
दी थीं।