बुधवारीय-आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें का संदेश 3 अगस्त,
2011
कास्तेल गंदोल्फो इटली, 3 अगस्त, 2010 (सेदोक,वीआर) बुधवारीय आमदर्शन समारोह में संत
पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने ग्रीष्मकालीन निवास कास्तेल गंदोल्फो के लिबेरता प्रांगण में
बड़ी संख्या में एकत्रित तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया।
उन्होंने
कहा- मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनों जुलाई महीने के लम्बे अवकाश के बाद हम फिर एक बार
एक परिवार के रूप में एकत्र हुए हैं। इधर कुछ दिनों से मैंने आपलोगों को प्रार्थना पर
अपने चिन्तन प्रस्तुत किये हैं।
आज मैं प्रार्थना विषय पर ही चिन्तन करने के
लिये आपको आमंत्रित करता हूँ। मेरा विश्वास है कि प्रार्थना के आध्यात्मिक और व्यावहारिक
पक्षों के चिन्तन से न केवल उन लोगों को लाभ होगा जो गर्मी की छुट्टियाँ मना रहें हैं
पर उन्हें भी जो अपने कार्यों में लगे हुए हैं।
आज मैं आपको बताना चाहता हूँ
कि यदि आप अपनी छुट्टियाँ मना रहे हैं तो एक पुस्तुक ले लीजिये। प्रत्येक व्यक्ति कुछ
समय निकाले ताकि कुछ पल के लिये मौन धारण कर ले और चिन्तन में समय व्यतीत करे। मनुष्य
की सृष्टि सिर्फ़ कार्य करने के लिये नहीं पर विचार करने के लिये भी की गयी है।
जब
हम कुछ देर के लिये चुप हो जाते हैं या हम हम अपना ध्यान बस मन और दिल पर केंद्रित कर
लेते हैं तब हम अपने आप में " खो-सा " जाते हैं और कुछ देर के बाद में पाते हैं कि हम
इससे लाभान्वित हुए हैं।
कई बार हम किताबों को इससे पढ़ते हैं ताकि हमारे जीवन
की एकरसता से बच सकें। आज मैं आप लोगों को इस बात की सलाह देना चाहता हूँ कि क्यों न
आप अपने पवित्र बाईबल निकालें और उसे जानने का प्रयास करें। आप ऐसा भी कर सकते हैं कि
जब आप गिरजा में कोई गीत सुनें तो उसके स्तोत्र को पवित्र बाईबल में खोजकर उसे पूर्ण
रूप से पढ़ने का प्रयास करें।
आज ज़रूरत है बाईबल को गहराई से जानने की । बाईबल
जिसका शाब्दिक अर्थ है "कई किताबों का संकलन" किताबों की ‘लाइब्रेरी’ है। हमसे से कई
लोग बाईबल की की कई किताबों को कभी नहीं पढ़ते हैं। तोबीत के ग्रंथ में परिवार और शादी
के बारे चर्चा है, एस्थेर के ग्रंथ में यहूदी रानी की कहानी है जो विश्वास और प्रार्थना
के सहारे अपने लोगों की रक्षा करती है। रूथ से संबंधित किताब तो और छोटी है जो एक परदेशी
है पर उसने ईश्वर का गहरा अनुभव किया है।
इन किताबों को आप सिर्फ़ एक घंटे में
ही पढ़ कर समाप्त कर सकते हैं। यदि आप कुछ चुनौतीपूर्ण किताबों को पढ़ना चाहें तो आप
जोब की कहानी पढ़िये जिसमें एक निर्दोष व्यक्ति के दुःख उठाये जाने के बारे में बताया
गया है। सुलेमान का सर्वश्रेष्ठ गीत मानव के बारे में लिखी गयी सुन्दर कविता का अच्छा
उदाहरण है। ये तो रहीं पुराने व्यवस्थान के बारे में। नये व्यवस्थान में आप सुसमाचार
को पढ़ें और इसे और अधिक समझने का प्रयास करें। प्रेरितों के क्रिया-कलाप और प्रेरितों
के पत्रों से भी आप लाभान्वित हो सकते हैं।
अन्त में मैं यही कहूँगा कि आप
बाईबल पढ़ने में आनन्द उठाइये।उन किताबों को पढिये जो बहुत लोकप्रिय न भी हों और अपने
न को हल्का कीजिये। इससे आप को निश्चिय ही आराम मिलेगा तथा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक
लाभ होंगे। इतना ही नहीं इस प्रक्रिया से आप ईश्वर को करीब से जान पायेंगे और आपका संबंध
उनसे प्रगाढ़ हो पायेगा।
इतना कह कर संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया।
उन्होंने अमेरिका, मौरिसस, ऑस्ट्रेलिया के युवा और जापान के तीर्थयात्रियों, उपस्थित
लोगों और उनके परिवार के सदस्यों को प्रभु की प्रज्ञा, कृपा और शांति की कामना करते हुए
उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।