नई दिल्लीः केपिटेशन फी लेनेवालों पर एक करोड़ के जुर्माने का सुझाव
नई दिल्ली, 2 अगस्त सन् 2011(हिन्दु): मानव संसाधन विकास मामलों की स्थायी संसदीय समिति
ने तकनीकी और मेडिकल प्रशिक्षण क्षेत्र में कैपिटेशन या डोनेशन के नाम पर भारी धन राशि
की मांग करनेवाले शिक्षण संस्थानों पर एक करोड़ रुपये का अर्थदण्ड लगाये जाने की घोषणा
की है।
तकनीकी एंव चिकित्सा शिक्षा संस्थानों तथा विश्वविद्यालयों में अनुचित
तरीकों के इस्तेमाल पर रोकथाम संबंधी (अनफेयर प्रैक्टिसेस इन हायर एजुकेशन बिल 2010)
विधेयक में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अधिकतम 50 लाख रुपये के अर्थ दंड का प्रावधान
रखा था किन्तु संसदीय समिति का मानना है कि अनुचित तरीकों से छात्रों और अभिभावकों से
कैपिटेशन फीस की मांग करना अथवा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से किसी और प्रकार की
सेवा लेना घोर अपराध है, और ऐसा करनेवाली शिक्षा संस्था या व्यक्ति पर 1 करोड़ तक का
जुर्माना हो सकता है।
मानव संसाधन विकास मामलों की संसदीय स्थायी समिति ने यह
भी सिफारिश की है कि अलग- अलग उल्लंघनों के लिए अपराध की गंभीरता को देखते हुए अलग-अलग
सजा का प्रावधान होना चाहिए। उसका का यह भी मानना है कि कानून के किसी भी प्रकार के उल्लंघन
को गंभीर माना जाना चाहिए, क्योंकि इससे छात्रों का अहित होता और उनका भविष्य ख़तरे में
पड़ता है।