2011-07-30 16:01:22

समस्याओं की जड़ एक है- संत पापा


कास्तेल गंदोल्फो, इटली, 30 जुलाई, 2011 (ज़ेनित) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा है कि " मानव की सभी गंभीर समस्याओं की जड़ हैं ग़रीबी अर्थात् प्रेम का अभाव।"

संत पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने सोमास्कन फादरों के लिये उनके संस्थापक के जेल से चमत्कारिक रूप से मुक्त हो जाने की 500वीँ वर्षगाँठ पर एक चिंतन प्रस्तुत के किया।

संत पापा ने कहा कि " सोमस्कन फादरों का मुख्य कार्य है युवाओं को शिक्षित बनाना और कलीसिया आज भी चाहती है कि यह धर्मसमाज युवाओं के लिये समर्पित रहे।"

उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को " सिर्फ़ सांस्कृतिक और तकनीकि ज्ञान नहीं पर सबसे पहले प्रेम चाहिये। इसी प्रेम से व्यक्तिवाद और घमण्ड पर विजय प्राप्त किया जा सकता है ताकि हर व्यक्ति अपने पड़ोसी के ज़रूरतों के प्रति संवेदनशील बन सके।"

संत पापा ने कहा कि " संत जेरोम का उदाहरण हमें इस बात के लिये प्रेरित करे कि हम युवाओं की ज़रूरतों को समझ सकें विशेषकर के उनकी नैतिक, शारीरिक, और जीवन संबंधी ज़रूरतों को समझ सकें। उनके साथ हम इस बात को भी समझें की युवाओं को प्रेम चाहिये। प्रेम का अभाव होना मानवीय समस्याओं की जड़ है।"

संत पापा ने सोमस्कन पुरोहितों को आमंत्रित करते हुए कहा कि " वे ईश्वर पर आस्था रखें और अपने संस्थापक के जीवन से सीखें जिन्होंने ईश्वर पर पूर्ण भरोसा रखते हुए प्रोटेस्टंट समुदाय से उत्पन्न समस्या का सामना किया था। "

उन्होंने कहा " जीवन में आनेवाली विपत्तियां और चुनौतियाँ हमारे विश्वास को दृढ़ बनातीं हैं। ईश्वर ने हमारे लिये एक विशेष योजना बनायीं है यद्यपि इसे हम कई बार नहीं समझ पाते। "

ज्ञात हो कि सोमस्कन फादरों के संस्थापक संत जेरोम इमीलियानी जन्म इटली के एक धनी परिवार में हुआ था।

सन् 1506 में सैनिक बने बन्दी बनाये गये और माता मरिया की मदद से सन् 1511 में चमत्कारिक रूप से मुक्त भी हो गये। और आगे चल कर बीमारों और अनाथों के लिये 6 अनाथालय की स्थापना की।

सन् 1767 ईस्वी में उन्हें संत घोषित किया गया और काथलिक कलीसिया ने उन्हें अनाथों और परित्यक्तों के संरक्षक संत के रूप में सम्मान देती है।











All the contents on this site are copyrighted ©.