2011-07-25 13:50:38

" हिंसा और घृणा का रास्ता त्याग दें " : संत पापा


कास्तेल गंदोल्फो, इटली, 25 जुलाई, 2011 (न्यूज. वीए) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने शुक्रवार को नोर्वे में मारे गये करीब 100 मृतकों और उनके परिजनों के लिये प्रार्थनायें कीं। सन्त पापा ने कहा " दुर्भाग्यवश फिर एकबार मृत्यु और हिंसा की ख़बरें आ रहीं हैं।"
संत पापा रविवारीय देवदूत प्रार्थना के समय अपने ग्रीष्मकालीन आवास कास्तेल गंदोल्फो में लोगों को संबोधित कर रहे थे।
संत पाप ने मृतकों के लिये गहरा शोक व्यक्त किया और उनके परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी सहानुभूति दिखलाते हुए लोगों से अपील की कि " वे सदा के लिये हिंसा और घृणा का रास्ता का त्याग दें और बुराईपूर्ण तर्क से बचें। "
संत पापा ने मानव के अंतःकरण पर चिन्तन प्रस्तुत करते हुए कहा कि अंतःकरण हमें बुराई से दूर रहने और भलाई करने प्रेरणा दे।
उन्होंने रविवारीय पाठ के पहले पत्र में वर्णित सोलोमोन का उदाहरण देते हुए कहा कि राजा सोलोमोन ने भगवान से नम्र ह्रदय देने की याचना की ताकि वह एक ऐसे अंतःकरण का निर्माण कर सके जो अच्छा और बुरा पहचान सके।
संत पापा ने कहा कि " सोलोमोन का उदाहरण आज प्रत्येक व्यक्ति के लिये लागू होता है। नैतिक अंतःकरण इस बात की माँग करता है कि उसमें इस बात की क्षमता हो कि वह सत्य की आवाज़ को सुन सके और उसके निर्देशों का नम्रतापूर्वक पालन करे।"
संत पापा ने कहा कि हमारा जीवन और हमारा सामाजिक जीवन ततब ही अर्थपूर्ण है जब हमने एक सही अंतःकरण का निर्माण किया है।
हमने अच्छाई को पहचानना सीखा और बुराई से दूर रहना सीखा और धैर्यपूर्वक न्याय और शांति के लिये योगदान देना सीखा है।"
संत पापा ने इस बात पर भी बल दिया कि ऐसे लोग राजनीति से जुड़े हैं और गंभीरतापूर्वक ऐसी ज़िम्मेदारियाँ निभानी हैं जैसा की सोलोमोन कहते हैं "उन्हें ईश्वरीय कृपा की और अधिक आवश्यकता है।"





















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