2011-07-23 20:45:59

" जीज़स ऑफ नाज़ेरथ " के तीसरे भाग में व्यस्त हैं संत पापा


कास्तेल गंदोल्फो, इटली 23 जुलाई, 2011 (ज़ेनित) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ग्रीष्मकालीन अवकाश में अपनी क़िताब " ज़ीजस ऑफ नाज़ेरथ " का तीसरा भाग लिखने के साथ-साथ स्पेन और जर्मनी की अपनी दो प्रेरितिक यात्राओं की तैयारी में समय व्यतीत कर रहे हैं।

‘लोसेर्भतोरे रोमनो’ के अनुसार संत पापा इस बात की पुष्टि की है कि अवकाश के समय में " उनकी प्राथमिकता अपनी किताब ज़ीसस ऑफ नाज़रेथ को समाप्त करना हैं जिसमें वे येसु के बचपन पर अपनी समीक्षा प्रस्तुत करेंगे। "

विदित हो सन् 2007 में प्रकाशित संत पापा के किताब ‘जीज़स ऑफ नाज़रेथ’ का दूसरा खण्ड अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत लोकप्रिय हुआ था।

वाटिकन का अर्द्ध आधिकारिक समाचार पत्र ‘लोसेर्भतोरे रोमानो’ के अनुसार संत पापा ख्रीस्तीय विश्वास तथा वाटिकन द्वितीय महासभा में चर्चित विषयों पर चिन्तन कर रहे हैं।

ज्ञात हो संत पापा एक कार्डिनल के रूप में में द्वितीय वाटिकन महासभा में आरंभ से ही जुड़े हुए थे।

वाटिकन द्वितीय महासभा के आरंभ होने का यह पचासवाँ साल है। यह महासभा 11 अक्टूबर सन् 1962 ईस्वी में आरंभ हुई थी।

स्थानीय वाटिकन समाचार पत्र ने बताया कि संत पापा अपने अवकाश के लिये कई पुस्तकें और दस्तावेज़ अपने साथ लाये हैं ताकि उनका अध्ययन कर सकें।
संत पापा स्पेन में 18 से 21 अगस्त तक आयोजित विश्व युवा दिवस और 22 से 25 सितंबर तक जर्मनी की प्रेरितिक यात्रा से संबंधित दस्तावेज़ों पर भी चिन्तन कर रहे हैं।
अध्ययन के अलावा संत पापा प्रार्थना करने, प्रकृति की सुदर छटां का आनन्द लेने और आराम में अपना समय व्यतीत करते हैं।

समाचार के अनुसार संत पापा वाटिकन सचिव कार्डिनल बेरतोने और अन्य महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों से मिलने के लिये भी अपना समय निकाल लेते हैं।

अपराह्न में अपने व्यक्तिगत सचिव मोनसिन्योर जोर्ज गंसवेइन के साथ बागान में टहलते हैं और वहीं पर स्थित माता मरिया के ग्रोटो के समक्ष प्रार्थना से अपने दिन का समापन करते हैं।

ग़ौरतलब है कि संत पापा लगातार दूसरी बार अपने ग्रीष्मकालीन अवकाश के कास्तेल गंदोल्फो में बिता रहे हैं। कास्तेल गंदोल्फो रोम से दक्षिण में 24 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है।













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