बेलारूस में मिंस्क मोहिलेव के सेवानिवृत महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल कासीमीर स्वियातेक
का निधन
वाटिकन सिटी, 22 जुलाई 2010 (सीएनएस, सेदोक) बेलारूस में मिंस्क-मोहिलेव के सेवानिवृत
कार्डिनल कासीमीर स्वियातेक का 96 वर्ष की आयु में 21 जुलाई को निधन हो गया. वे 65 वर्षों
की सक्रिय प्रेरितिक मेषपालीय सेवा के बाद 5 साल पहले सेवानिवृत्त हुए थे। स्वर्गीय
कार्डिनल स्वियातेक का जन्म पोलिश परिवार में 21 अकटूबर 1914 को वाल्गा में हुआ था जो
अब एस्तोनिया में है । जब वे किशोर बालक थे उस समय उन्हें और उनके परिवार को रूसी ज़ार
द्वारा साईबेरिया में निर्वासित कर दिया गया था। 1917 की रूसी क्रांति के बाद उनके पूरे
परिवार को बेलारूस लौटने की अनुमति मिली। वे 1939 में पुरोहित अभिषिक्त किये गये। दो
साल बाद साम्यवादी सोवियत पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया तथा प्रतिक्रियावादी पुरोहित
के रूप में मृत्युदंड की सज़ा दी लेकिन वे बच निकले और अपना मेषपालीय काम जारी रखा जब
जर्मनी की नात्सी सेना ने जून 1941 में प्रवेश किया। सन 1944 में जब बेलारूस में परिवर्तन
हुआ तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और 10 साल के लिए श्रम शिविर की सज़ा सुनाते हुए
उन्हें साईबेरिया भेज दिया गया। वे सन 1954 में रिहा किये गये। कार्डिनल स्वियातेक
ने 1991 तक पिंस्क में सेवा प्रदान की फिर संत पापा जोन पौल द्वितीय ने मिंस्क मोहिलेव
महाधर्मप्रांत की रचना कर उन्हें वहाँ का महाधर्माध्यक्ष नियुक्त किया। सन 1994 में कार्डिनल
बनाये गये कार्डिनल स्वियातेक ने सन 2006 तक महाधर्माध्यक्ष के रूप में सेवा की। उस समय
उनकी आयु 91 वर्ष थी। संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कार्डिनल स्वियातेक के निधन पर
भेजे गये शोक संवेदना के तार संदेश में कहा कि कार्डिनल स्वियातेक द्वारा विशिष्ट रूप
से कठिन समय में ख्रीस्त और उनकी कलीसिया के लिए दिये गये साहसपूर्ण साक्ष्य तथा बाद
में देश के आध्यात्मिक नवजन्म में उनके द्वारा दिये गये उत्साहपूर्ण योगदान का वे स्मरण
करते हैं।