2011-07-16 14:36:19

10 धर्मसमाजियों की माँ का देहांत


इड्डूकी, केरल, 16 जुलाई, 2011(कैथन्यूज़) केरल के इड्डूकी धर्मप्रांत में 10 धर्मसमाजियो को कलीसिया की सेवा में समर्पित करनेवाली माँ एलिज़बेथ अनीकुड़ीकत्तील का देहांत लम्बी बीमारी के बाद 14 जुलाई को हो गया। वे 94 वर्ष की थीं।
शिलौंग के धर्माध्यक्ष दोमनिक जाला ने एलिजबेथ की मृत्यु पर परिवार के सदस्यों के लिये अपना शोक संदेश भेजा है और ईश्वर से निवेदन किया है कि वे उनकी आत्मा को अनन्त शांति प्रदान करें।
एलिजबेथ के पार्थिव शरीर का दफन इडूक्की के हॉली फामिली पारिस में मुन्नर के समीप कुंचीथन्नी 18 जुलाई को सम्पन्न होगी।
एलिज़बेथ को लोग प्यार से ‘अलेकुत्ती’ के नाम से जानते थे। आप सिरो मलाबार रीति की एक काथलिक धर्मी महिला थी।
उकान समाचार के अनुसार 8 लड़कों में से एक धर्माध्यक्ष, पाँच पुरोहित और सात बहनों में चार धर्मसमाजी हैं।
चार बहनों में दो सेक्रेड हार्ट सिस्टर, एक सलेशियन और एक ‘फ्रांसिस्कन मिशनरी ऑफ मेरी’ धर्मसमाज की है।
अपनी माँ के बारे में बताते हुए सलेशियन पुरोहित जोसेफ अनीकड़ीकात्तील ने बताया कि उनके पिता की मृत्यु सन् 2006 ईस्वी में हो गयी थी।
फादर जोसेफ शिलौंग सेक्रेड हार्ट थियोलोजिकल कॉलेज के प्रोफेसर और डॉन बॉस्को कॉलेज अज़ारा गुवाहाटी के रेक्टर हैं।
फादर जोसेफ ने बताया कि उनके माता पिता पालय धर्मप्रांत से सन् 1949 में पलायन किये और इडुक्की में बस गये और वहीं पर रहकर उनके माता-पिताओं ने सभी बच्चों की परवरिश की।
यह भी विदित हो कि एलिज़बेथ के एक पुत्र मैथ्यू अनीकड़ीकात्तील इडूक्की के धर्माध्यक्ष के रूप में अपनी सेवायें दे रहे हैं।
परिवार का सबसे छोटा पुत्र में मिशनरिस ऑफ संत थोमस अपोसल धर्मसमाजी के रूप में पुणे में कार्यरत था पर उनकी मृत्यु एक सड़क दुर्घना में सन् 1992 ईस्वी में हो गयी।






















All the contents on this site are copyrighted ©.