लिसबनः पुर्तगाल के महाधर्माध्यक्ष ने महिलाओं के अभिषेक पर दिया स्पष्टीकरण
लिसबन, पुर्तगाल, 12 जुलाई सन् 2011 (ज़ेनित): पुर्तगाल में लिसबन के महाधर्माध्यक्ष
कार्डिनल होसे दा क्रूज़ पोलीकारपो ने कहा है कि हाल में एक भेंटवार्ता में, महिलाओं
के अभिषेक पर, कहे उनके शब्दों को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया है।
छः जुलाई
को प्रकाशित एक स्पष्टीकरण में कार्डिनल पोलीकारपो ने इस तथ्य की पुष्टि की कि "सन्त
पापा के संग सहभागिता उनके प्रेरितिक मिशन का अभिन्न अंग है।"
जून माह के अन्त
में कार्डिनल महोदय ने "ओरदेम दोस आडवोगादोस" नामक पत्रिका में दी एक भेंटवार्ता में
महिलाओं के अभिषेक पर टिप्पणी की थी।
कार्डिनल पोलिकार्प ने उक्त भेंटवार्ता
में कहा था कि विगत 2000 वर्षों से काथलिक कलीसिया प्रभु ख्रीस्त द्वारा आरम्भ परम्परा
को बरकरार रखते हुए केवल पुरुषों का ही अभिषेक करती रही है तथापि ख्रीस्त के पुनःरुत्थान
में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को भी वह स्वीकार करती है। उन्होंने यह भी कहा था कि
कलीसिया सदैव ही पवित्रआत्मा से प्रेरणा पाकर ईश प्रजा के हित में आदेशों को जारी करती
रही है और यदि इस दिशा में पवित्रआत्मा परिवर्तन हेतु प्रेरित करते हैं तो विश्वास में
कलीसिया उसे भी स्वीकार करेगी।
कार्डिनल पोलीकार्प ने कहा कि उनके उक्त शब्दों
को मीडिया में तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया तथा कहा गया कि वे महिलाओं के अभिषेक
की वकालात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस तरह की अटकलें फिज़ूल हैं तथा वे इस बात के
प्रति दुखी हैं कि उनके शब्दों ने इस प्रकार का भ्रम उत्पन्न कर दिया है। उन्होंने कहा,
"मेरे विचार से मैंने अपने आचार व्यवहार से आप सबके समक्ष यह स्पष्ट कर दिया है कि सन्त
पापा के संग सहभागिता मेरे मिशन का परम अंग है।"