2011-07-11 13:51:22

नया राष्ट्र साउथ सूडान को असफल होने न दें – वाटिकन प्रवक्ता


वाटिकन सिटी, 11 जुलाई, 2011(ज़ेनित) वाटिकन प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदेरिको लोमबारदी ने अपील की कि " नये राष्ट्र साउथ सूडान को असफल होने न दें।"
उन्होंने उक्त बात उस समय कहीं जब उन्होंने शनिवार को वाटिकन टेलेविज़न के साप्ताहिक कार्यक्रम " ऑक्तावा दियेस " में विश्व के सबसे नये राष्ट्र दक्षिण सूडान के अस्तित्व में आने के बारे में अपने विचार व्यक्त किया।
वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक फादर लोमबारदी ने कहा कि उन्हें आशा है कि नया देश ‘शांति का एक नया इतिहास’ आरंभ करेगा।
नये देश के बारे में बोलते हुए फादर लोमबारदी ने कहा कि संत पापा जोन पौल द्वितीय सन् 1993 में खारतुम में चार घंटे के लिये रुककर लोगों को अपने संदेश दिये थे।
उस समय संत पापा ने उन्हीं बातों को दुहराया था जिन्हें उन्हें एक माह पूर्व राजनयिकों से कहा था। उन्होंने कहा था " सूडान के निवासी निर्णय करने की स्वतंत्रता के कारण एक ऐसा संवैधानिक समाधान निकाल पायेंगे जो समुदायों की विशिष्टताओं का सम्मान करते हुए विभिन्न अंतर्विरोधों और झगड़ों का समाधान कर सके। "
उन्होंने कहा था कि " आज मैं उन लोगों की याद करता हूँ जो गृह युद्ध के कारण लगातार कष्ट झेल रहे हैं विशेष करके दक्षिण सूडान के लोग।"
आज इस बात की ज़रूरत है कि एक आर्थिक और राजनैतिक संरचना बने जो जो मानव की मर्यादा और मानवाधिकारों का सम्मान करे। फादर लोमबारदी ने कहा कि संत पापा जोन पौल ने न्याय और स्वतंत्रता के उन विचारों को शासकों के समक्ष रखते हुए अपनी अपार उत्साह और साहस का परिचय दिया था।
उन्होंने याद किया कि दक्षिण सूडानी काथलिक शर्णार्थियों ने संत पापा की बातों का भारी उत्साह से स्वागत भी किया था।
सूडान में 18 वर्षों तक चले गृहयुद्ध में करीब 20 लाख लोग मारे जा चुके हैं और करीब 40 लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं पर अब एक नये राष्ट्र दक्षिण सूडान के जन्म लेने से एक शांति के एक नये युग का आरंभ होगा।
फादर ने कहा प्राकृतिक तेल से सम्पन्न राष्ट्र होने के बावजूद यह देश दुनिया का सबसे ग़रीब देश होगा।
इसे एकता संबंधी आंतरिक समस्याओं से जूझना होगा पर यहाँ के लोग में एक आशा है कि वे अपने देश का निर्माण स्वतंत्रता और शांति के साथ कर पायेंगे और हम उनके साथ हैं। "
अंतरराष्ट्रीय और कलीसियाई सहायता से उनकी आशा बेकार नहीं जायेगी।










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