2011-07-08 17:56:09

दक्षिणी सूडान की दृष्टि आजादी की ओर लेकिन चर्च जुड़ी रहेगी


(नैरोबी केन्या सीएनएस) सूडानी कार्डिनल गाब्रियल जुबेर वाको ने पूर्वी अफ्रीका के धर्माध्यक्षों से कहा कि 9 जुलाई को दक्षिणी सूडान के स्वतंत्र हो जाने के बाद भी काथलिक चर्च संयुक्त रहेगी। उन्होंने सूडान की राजधानी खार्तूम में कहा कि राजनैतिक रूप से देश दो भागों में बंट जायेगा, पुराना और नया सूडान, लेकिन धार्मिक तौर पर दोनों सूडान जुडे रहेंगे।
महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल वाको ने कहा कि आजादी के इस समारोह के साथ ही हम अतीत को विदा कह रहे हैं और मेलमिलाप, सहृदयता और क्षमा के नये भविष्य को, एक नयी बात को गले लगा रहे हैं। कुछ घंटों बाद ही दक्षिणी सूडान आधिकारिक रूप से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा करेगा। यह सन 2005 में हुए शांति समझौते का चरम है जिसके द्वारा दो दशकों तक चले सूडान के अरब प्रभुत्वववाले उत्तरी भाग और मुख्यतः ईसाई और जीववादी धर्म माननेवाले दक्षिण भाग के लोंगों के मध्य गृहयुद्ध का समापन हुआ। दो दशकों के संघर्षो में लगभग दस लाख लोग मारे गये जिनमें अधिकाँश नागरिक थे।
दक्षिणी सूडान में वाऊ के धर्माध्यक्ष रूडोल्फ देंग मजाक ने काथलिक न्यूज सर्विस से कहा कि वे तथा अन्य धर्माध्यक्ष नये राष्ट्र के उदय की ओर देख रहे हैं। उन्होंने यह कभी नहीं सोचा था कि ऐसा उनके जीवनकाल में संभव हो पायेगा। 20 वर्षों के गृहयुद्ध के समय व्यापक स्तर पर हत्याएं, पीड़ा और अपमान हुए लेकिन अब लोगों के परिश्रम का परिणाम देखा जाना है।
तोमबुरा याम्बीयो के धर्माध्यक्ष एडवर्ड हिबोरो कुसाला ने कहा कि नये देश दक्षिणी सूडान के लिए अनेक समस्याओं में प्रवासियों का पुनर्वास तथा असुरक्षा संबंधी समस्या हैं लेकिन लोगों में उच्च स्तर की आशा है।








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