2011-07-06 20:37:36

ओट्टो वॉन हाब्सबर्ग मानव मर्यादा के प्रबल रक्षक


वियेन्ना, ऑस्ट्रिया 6 जुलाई, 2011(सीएनए) " ओट्टो वॉन हाब्सबर्ग बीसवीं सदी के महान् नेताओं में से एक काथलिक विश्वास और मानव मर्यादा के प्रबल रक्षक थे।"
उक्त बात कार्डिनल रेनातो रफाएले मारतिनो ने उस समय कहीं जब उन्होंने ओट्टो वॉन की मृत्यु पर अपने शोक व्यक्त किये। विदित हो कि 4 जुलाई को 98 वर्ष की आयु में ओट्टो की मृत्यु हो गयी।
कार्डिनल ने कहा कि अपनी उम्र के 9वें दशक में होने के बावजूद ओट्टो यूरोप में ख्रीस्तीय मूल्यों और मानव जीवन की पवित्रता का जोरदार समर्थन करते रहे।
न्याय और शांति के लिये बनी परमधर्मपीठीय कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष कार्डिनल मारतिनो ने कहा कि ओट्टो मानव मर्यादा पर किसी प्रकार का समझौता नहीं करने के कड़े विचारों के कारण ही उन्हें ‘दिगनीतातिस ह्यूमाने’ संस्थान का संरक्षक बनाया गया था।
विदित हो कि यह संस्थान इस बात का कड़ा समर्थन करता है कि मानव ईश्वर का प्रतिरूप है।
ज्ञात हो कि ओट्टो वॉन हाब्सबर्ग की मृत्यु दक्षिणी जर्मनी के पोयकिंग नामक विला में हुई जहाँ वे सन् 1950 से रहा करते थे।
उनके शव के संत उलरिच गिरजाघर में रखा गया है। उन्हें 16 जुलाई को वियेन्ना में दफ़ना दिया जायेगा। ओट्टो की धर्मपत्नी रेजिना की मृत्यु पिछले साल हुई ।
यूरोपियन कमीशन के अध्यक्ष होसे मानुएल बर्रोसो ने कहा " ओट्टो एक महान् यूरोपियन " थे और वे सदा ही अधिनायकवाद के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले व्यक्ति के रूप में याद किये जायेंगे।
यह भी ज्ञात हो कि ओट्टो के पिता ने प्रथम विश्व युद्ध समाप्त करने के लिये अपना विशेष योगदान दिया और सन् 2004 ईस्वी में उन्हें धन्य घोषित किया गया है।










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