वाटिकन सिटीः परमधर्मपीठ ने, लेशान धर्माध्यक्षीय अभिषेक की, की निन्दा
वाटिकन सिटी, पाँच जुलाई सन् 2011 (सेदोक): चीन के सिखुआन प्रान्त स्थित लेशान में, सन्त
पापा की अनुमति के बिना, 29 जून को सम्पन्न फादर पौल शी शीईन के धर्माध्यक्षीय अभिषेक
की परमधर्मपीठ ने कड़ी निन्दा की है।
ग़ौरतलब है कि रोमी काथलिक कलीसिया में
धर्माध्यक्षों की नियुक्ति केवल कलीसिया के सर्वोच्च गुरु एवं परमाध्यक्ष सन्त पापा द्वारा
की जा सकती है।
सोमवार को वाटिकन प्रेस ने एक वकतव्य जारी कर घोषित किया कि 29
जून को लेशान में अभिषिक्त धर्माध्यक्ष को "काथलिक धर्मप्रान्तीय समुदाय पर शासन का कोई
अधिकार नहीं है।" इसके अतिरिक्त, परमधर्मपीठ उन्हें लेशान के धर्माध्यक्ष रूप में कभी
भी मान्यता नहीं देगी।
वकतव्य में इस बात की ओर ध्य.न आकर्षित कराया गया कि सन्त
पापा के साथ सहभागिता रखनेवाले सात काथलिक धर्माध्यक्ष भी अभिषेक समारोह में शामिल थे।
इन धर्माध्यक्षों के लिये कहा गया कि यदि समारोह में भाग लेने हेतु इनपर बाहर से दबाव
नहीं डाला गया था तो इन्हें भी कलीसिया से बहिष्कृत कर देने की सम्भावना है।
कठोर
शब्दों में प्रकाशित वाटिकन के वकतव्य में इस बात की पुनरावृत्ति की गई कि "सन्त पापा
की अनुमति के बिना आयोजित धर्माध्यक्षीय अभिषेक सार्वभौमिक कलीसिया के परमाध्यक्ष की
आध्यात्मिक भूमिका के विरुद्ध है तथा यह कलीसिया की एकता को क्षति पहुँचाता है।" आगे
कहा गयाः "लेशान का धर्माध्यक्षीय अभिषेक एकतरफा कृत्य था जो विभाजन को प्रश्रय देता
तथा चीन की कलीसिया में तनावों एवं दरारों को उत्पन्न करता है।"
परमधर्मपीठ
की कठोर कार्रवाई के विषय में वकतव्य में यह भी स्पष्ट किया गया कि फादर पौल शी शीईन
को बहुत पहले ही "सूचित कर दिया गया था कि कुछ प्रमाणित एवं गम्भीर कारणों की वहज से
धर्माध्यक्षीय अभिषेक हेतु उन्हें परमधर्मपीठ स्वीकार नहीं करती।" लेशान में एशिया न्यूज़
के सूत्रों के अनुसार फादर शी एक या दो बच्चों के बाप भी हैं तथा चीनी सरकार द्वारा समर्थित
देशभक्त कलीसिया के साथ उनकी साँठ गाँठ है। इसके अतिरिक्त, यह भी पता लगा है कि फादर
शी चीनी जन राजनैतिक परामर्शदाता परिषद तथा चीनी संसद की परामशर्क समिति के सदस्य भी
हैं।