2011-07-01 17:31:30

लोजरवातोरे रोमानो समाचार पत्र की 150 वर्षगाँठ


(वाटिकन सिटी 30 जून जेनिथ) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने सत्य के प्रसार में वाटिकन के समाचार पत्र " लोजरवातोरे रोमानो " द्वारा अर्पित सेवा की सराहना की जिसने शुक्रवार को 150 वीं वर्षगाँठ मनाया। इसके मुख्य सम्पादक जियोवान्नी मारिया वियेन को सम्बोधित पत्र में संत पापा ने कहा कि एक दैनिक समाचार पत्र के लिए 150 वर्ष निश्चित रूप से लम्बी अवधि है, दीर्घ और महत्वपूर्ण यात्रा जो खुशियों, कठिनाईयों, कठिन मेहनत ,संतुष्टि तथा कृपा से समृद्ध है। संत पापा का समाचार पत्र के नाम से विख्यात लोजरवातोरे रोमानो समाचार पत्र का पहला अंक 1 जुलाई 1861 को प्रकाशित किया गया था।
संत पापा ने अपने चिंतन में अपने पूर्वाधिकारी संत पापा पियुस नवम के निमंत्रण का स्मरण किया है जब समाचार पत्र की स्थापना की 75 वीं वर्षगाँठ मनाया था। संत पापा ने लिखा है- उस भूमि पर एक नजर डालें जिसे हमने पूरा किया है तथा उस पर नजर करें जिसे पूरा करना शेष है। सबसे ऊपर दैनिक समाचार पत्र की अद्वितीयता और जिम्मेदारी जिसने डेढ़. सदी से संत पापा की शिक्षाओं को लोगों तक पहुँचाया है तथा यह काथलिक कलीसिया और वाटिकन की सेवा में विशिष्ट साधन है।
संत पापा ने समाचार पत्र के रूचिपूर्ण इतिहास पर दृष्टि डाला है- पेपल प्रशासन के सहयोग से निजी पहल पर इसकी स्थापना, 1870 में जब इसकी स्थापना हुई तब कलीसिया की सांसारिक शक्ति का अंत हो गया, समाचार पत्र की लोकप्रियता में वृद्धि और 15 साल बाद होली सी ने इसका स्वामित्व प्राप्त किया तथा 20 वीं सदी की अनेक त्रासदीपूर्ण अवधि में लोजरवातोरे रोमानो समाचार पत्र की साहसिक भूमिका। संत पापा ने कार्डिनल मोनतिनी जो बाद में संत पापा पौल षष्टम बने उनके द्वारा 1961 में कहे गये संदर्भ को उद्धृत करते हुए कहा- यह वैसा होने के समान है जब कमरे की सब बत्तियाँ बुझा दी गयी हैं और केवल एक बत्ती जल रही है तथा हर एक जन की दृष्टि इसी पर लगी है और सौभाग्य से यह वाटिकन की बत्ती थी, शान्त चमकती बत्ती जो संत पेत्रुस की प्रेरिताई से आलोकित होती रही। लोजरवातोरे रोमानो समाचार पत्र दिशा निर्देशक बत्ती के समान सदैव रहा है।
संत पापा ने इस समाचार पत्र के प्रकाशन और विश्व में वितरण पर चर्चा की है जो अब न केवल वाटिकन में लेकिन अन्य भाषाओं में भी प्रकाशित होता है। सन 2008 से इसका मलयालम संस्करण भारत में प्रकाशित होता है। अपनी विशिष्ट प्रकृति और विशेषताओं के कारण लोजरवातोरे रोमानो समाचार पत्र ने पिछले 150 सालों में सबसे पहले सत्य की सेवा तथा संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी के साथ काथलिक सामुदायिकता में अपनी सेवा को बनाये रखा है। यह समाचार पत्र संत पापा द्वारा दिये जानेवाले विभिन्न संदेशों और चिंतनों, वाटिकन में आयोजित विभिन्न धर्मसभाओं सहित विश्व के विभिन्न भागों में काथलिक कलीसिया की उपस्थिति, काम और उनकी परिस्थिति के बारे में जानकारी उपलब्ध कराता रहा है।
संत पापा ने कहा कि आज लोजरवातोरे रोमानो समाचार पत्र विचारों का पत्र है तथा न केवल सूचनाओं का लेकिन प्रशिक्षण का अंग है। इसकी प्राथमिकताएं हैं - मध्य पूर्व के ईसाईयों पर ध्यान देना, कलीसाई एकतावर्द्धकता, यहूदी तथा अन्य धर्मों के साथ मित्रता, बहस तथा सांस्कृतिक आदान प्रदान और महिलाओं की पुकार सहित जैव नैतिकता से जुड़े मुद्दे जो बहुत महत्वपूर्ण सवालों को हमारे सामने लाते हैं।
यह कहते हुए कि 150 वर्षों का इतिहास गर्व की बात है संत पापा ने अभिपुष्टि की कि लोजरवातोरे रोमानो समाचार जानता है कि ईश्वर के प्रतिरूप में सृष्ट, ख्रीस्त द्वारा मुक्त किये गये मानव प्राणी की रक्षा में इस समय की मानवजाति के लिए होली सी की हार्दिक मित्रता को कैसे व्यक्त करना है।








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