(वाटिकन सिटी सीएनएस) जर्मनी में बर्लिन महाधर्मप्रांत के प्रथम महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल
जोर्ज स्टरजेंस्की का 30 जून को 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे गंभीर रूप से बीमार
थे और उन्होंनेन फरवरी माह में ही सेवानिवृत्त हो गये थे। संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें
ने शोक संवेदना का तार संदेश भेजकर कहा कि दिवंगत कार्डिनल ने उस धर्मप्रांत को मार्गदर्शन
प्रदान किया जो एक समय राजनैतिक रूप से विभाजित था और फिर बर्लिन दीवार के गिरने और जर्मनी
का एकीकरण होने से उन्होंने सबके लिए धर्मप्रांत में एकता लायी। संत पापा ने कहा कि दिवंगत
कार्डिनल ने मेलमिलाप की स्थापना करने के लिए बहुत प्रयास किये तथा सबलोगों की सहायता
करना चाहे जो बिना देश के थे, शरणार्थी या प्रवासी थे कलीसिया रूपी परिवार में सबको आश्रय
देना चाहा। दिवंगत कार्डिनल स्टरजिंस्की का जन्म 9 फरवरी 1936 को पूर्वी प्रुसिया
में हुआ था जो अब पोलैंड में है। द्वितीय विश्व युद्ध के समय उनके परिवार को वारमिया
भागना पडा जो इस समय़ पोलैंड में है और अन्ततः 1946 में उन्होंने जर्मनी के थूरिनजेंस
में आश्रय पाया। कार्डिनल स्टरजिंस्की 1960 में पुरोहित अभिषिक्त हुए। उन्होंने अनेक
पल्लियों में तथा पूर्वी जर्मनी के एरफुर्त में स्थित सेमिनरी में 1981 तक काम किया और
इसके बाद वे एरफुर्त मेइनेनजेन प्रशासन में विकर जेनरल बनाये गये। वे बर्लिन दीवार के
गिरने से छह माह पूर्व 1989 में बर्लिन धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष बनाये गये। जर्मनी
के एकीकरण के समय बर्लिन दीवार गिरने के बाद 1994 में बर्लिन धर्मप्रांत को महाधर्मप्रांत
बनाया गया। संत पापा जोन पौल द्वितीय ने महाधर्माध्यक्ष स्टरजिंस्की को सन 1991 में कार्डिनल
बनाया। 75 वर्षीय कार्डिनल स्टरजिंस्की ने बिगडते स्वास्थ्य के कारण इसी वर्ष फरवरी माह
में बर्लिन के महाधर्माध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया था। कार्डिनल जोर्ज स्टरजेस्की
का निधन हो जाने से अब कार्डिनल मंडल में 197 सदस्य हैं जिनमें से 114 कार्डिनल 80 साल
से कम आयु के होने के कारण नये संत पापा के चुनाव में मतदान करने के अधिकारी हैं।