वाटिकन सिटीः समुद्री रविवार सन् 2011 का सन्देश प्रकाशित
वाटिकन सिटी, 29 जून सन् 2011 (सेदोक): आप्रवासियों और घुमंतू लोगों की देखभाल हेतु गठित
परमधर्मपीठीय परिषद ने मंगलवार को समुद्र में कार्यरत श्रमिकों एवं नाविकों को समर्पित
रविवार सन् 2011 के सन्देश की प्रकाशना कर दी।
समुद्र में कार्यरत श्रमिकों एवं
नाविकों को समर्पित रविवार सन् 2011 इस वर्ष दस जुलाई को मनाया जा रहा है।
समुद्र
में कार्यरत लोगों की प्रेरितिक देखरेख करनेवाले पुरोहितों एवं स्वयंसेवकों को सम्बोधित
सन्देश में उक्त परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष अन्तोनियो वेलियो तथा
उपाध्यक्ष मान्यवर जोसफ कालाथीपरमबिल ने लिखा कि सागर को समर्पित रविवार का उद्देश्य
समाज में समुद्री श्रमिकों की खतरनाक और कठिन स्थिति के प्रति जागरुकता बढ़ाना है।
उन्होंने
लिखा, "यद्यपि समुद्र से संलग्न कार्यकर्त्ता वैश्विक अर्थव्यवस्था में महान योगदान देते
हैं तथापि उनके कठोर श्रम एवं बलिदान पर हमारा ध्यान कम ही जाता है।"
उन्होंने
कहा, "प्रायः समुद्र से संलग्न कार्यकर्त्ताओं को समुद्री डाकुओं द्वारा अपहरण, समुद्री
जहाजों के प्रदूषण आदि की दुर्घटनाओं, भोजन एवं पैसों के बिना नाविकों के बन्दरगाहों
पर परित्याग, बन्दरगाहों पर लगे प्रतिबन्ध, सुरक्षा की कमी आदि समस्याओं का सामना करना
पड़ता है। इससे उनका पारिवारिक जीवन भी तनावों से घिर जाता है तथा रिश्तों में दरार पड़
जाती है।"
उन्होंने लिखा कि सागर की प्रेरिताई में संलग्न कलीसियाई कार्यकर्त्ता
समुद्री दुनिया की इन अमानवीय स्थितियों से वाकिफ़ हैं इसलिये वे इस बात पर बल देते हैं
कि नाविकों के श्रम अधिकारों का सम्मान किया जाये। समुद्री क्षेत्र में कार्यरत कम्पनियों
का उक्त परमधर्मपीठीय परिषद ने आह्वान किया कि वे सरकारों एवं विभिन्न अन्तरराष्ट्रीय
संगठनों के साथ मिलकर काम करें ताकि समुद्र से संलग्न सभी कार्यकर्त्ताओं को सुरक्षा
की गारंटी मिल सके।
सरकारों का भी उक्त सन्देश में आह्वान किया गया कि वे अन्तरराष्ट्रीय
श्रम संगठन द्वारा सन् 2006 में पारित समुद्री श्रम संधि को तत्काल अपनायें तथा उसके
प्रभावी होने के पक्ष में प्रयास को सघन करें।