वाटिकन सिटीः अध्ययन, चिन्तन एवं आपसी उदारता ख्रीस्तीय एकता के लिये ज़रूरी, सन्त पापा
बेनेडिक्ट 16 वें
वाटिकन सिटी, 29 जून सन् 2011 (सेदोक): सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने, मंगलवार को, कुस्तुनतुनिया
के ख्रीस्तीय प्राधिधर्माध्यक्ष बारथोलोम प्रथम द्वारा, सन्त पेत्रुस एवं पौलुस के महापर्व
के उपलक्ष्य में, रोम प्रेषित प्रतिनिधिमण्डल का वाटिकन में स्वागत किया।
प्रतिनिधिमण्डल
से सन्त पापा ने कहा कि प्रभु ख्रीस्त के अनुयायियों के बीच एकता एवं पूर्ण सहभागिता
के लिये गहन अध्ययन, मनन चिन्तन एवं आपसी उदारता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ख्रीस्तीय
एकतावर्द्धक तीर्थयात्रा में अग्रसर होने के लिये ईशशास्त्रीय सम्वाद की आवश्यकता है
जो रोम तथा कुस्तुनतुनिया की कलीसियाओं के बीच पहले से विद्यमान सच्चे भ्रातृत्व के सम्बन्ध
को मज़बूत कर सके।
इस अवसर पर प्राधिधर्माध्यक्ष बारथोलोम प्रथम ने भी सन्त पापा
बेनेडिक्ट 16 वें को एक सन्देश प्रेषित किया है जिसमें उन्होंने भ्रातृत्व की अभिव्यक्ति
कर दोनों कलीसियाओं द्वारा किये जा रहे एकतावर्द्धक प्रयासों की सराहना की है।
सन्त
पापा ने प्राधिधर्माध्यक्षीय प्रतिनिधिमण्डल से कहा कि काथलिक कलीसिया एवं कुस्तुनतुनिया
की ऑरथोडॉक्स कलीसिया के बीच जारी संयुक्त ईशशास्त्रीय आयोग के कार्यों का वे अनुसरण
कर रहे हैं। प्रायः ऐसा प्रतीत होता है कि ये कार्य मन्द गति से चल रहे हैं तथापि इसकी
जटिल प्रकृति को स्वीकार कर, हम सबको, पवित्र आत्मा से प्रेरणा की याचना करते हुए उदारता
में इस पथ पर आगे बढ़ते रहना है ताकि ख्रीस्तीयों के बीच एकता हेतु प्रभु येसु ख्रीस्त
की इच्छा पूरी हो सके।
ग़ौरतलब है कि प्रतिवर्ष, 29 जून को सन्त पेत्रुस एवं
सन्त पौलुस के महापर्व पर इस्तामबुल से कुस्तुनतुनिया का प्रतिनिधिमण्डल रोम आता है तथा
नवम्बर माह में सन्त अन्द्रेयस के महापर्व के उपलक्ष्य में काथलिक कलीसिया का प्रतिनिधिमण्डल
रोम से इस्तामबुल जाता है।