भोपालः धार्मिक पहचान सम्बन्धी राजनीति की महाधर्मध्यक्ष ने की निन्दा
भोपाल, 28 जून सन् 2011 (कैथन्यूज़): मध्यप्रदेश सरकार द्वारा धार्मिक पहचान राजनीति
पर हुई जाँचपड़ताल का बहिष्कार करते हुए भोपाल के काथलिक महाधर्माध्यक्ष लियो कोरनेलियो
ने राज्य सरकार की कडी निन्दा की तथा कहा कि सरकार की रिपोर्ट में ख्रीस्तीयों की धार्मिक
पहचान के लिये वितरित परिपत्र के षड़यंत्रकारियों के बारे में कुछ नहीं कहा गया है।
महाधर्माध्यक्ष
ने कहा कि अपराधियों के सदृश ख्रीस्तीय लोगों की पहचान के लिये दिया गया आदेश किसी छोटे
दर्जे के अफसर द्वारा दिया गया आदेश नहीं था बल्कि इसमें राज्य के उच्चाधिकारी एवं नेता
सम्मिलित थे। उन्होंने कहा कि कलीसिया यह जानना चाहती है कि इस प्रकार का परिपत्र किसने
जारी किया जिसमें ख्रीस्तीयों को अपराधी करार दिया गया था।
स्मरण रहे कि मध्यप्रदेश
की पुलिस ने मार्च माह में एक परिपत्र जारी कर पुलिस से राज्य के सभी ख्रीस्तीयों की
पहचान, ख्रीस्तीय संस्थाओं को मिलनेवाले अनुदान का विवरण एनं स्रोत तथा ख्रीस्तीय शिक्षण
संस्थानों का विवरण, ख्रीस्तीयों की चल एवं अचल सम्पत्ति आदि का ब्यौरा मांगा था। इस
परिपत्र के जारी होने के बाद पुलिस ने घर घर जाकर ख्रीस्तीयों से विवरण मांगना शुरु कर
दिया था जिसका सम्पूर्ण देश में विरोध किया गया था। बाद में मध्यप्रदेश पुलिस ने परिपत्र
को वापस ले लिया था तथा कहा था कि किसी निम्न स्तर के अधिकारी की ग़लती से ऐसा हुआ था।
महाधर्माध्यक्ष कॉरनेलियो ने कहा कि है कि वे सच्चाई का पता लगाने हेतु अपने
प्रयासों को जारी रखेंगे तथा सरकारी अधिकारियों को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण की मांग करेंगे
इसलिये कि कोई भी निम्न स्तर का अधिकारी इस प्रकार का आदेश देने का दुस्साहस नहीं कर
सकता।