2011-06-22 14:04:39

बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा का संदेश


संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पेत्रुस बासिलिका के प्रांगण में देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों को अंग्रेजी भाषा में सम्बोधित करते हुए कहा-

अतिप्रिय भाईयो और बहनो,

ख्रीस्तीय प्रार्थना पर हमारी धर्मशिक्षा में हमने प्राचीन विधान के अनेक छवियों पर ध्यान केन्द्रित किया है जो प्रार्थना के आदर्श को प्रस्तुत करते हैं। अब हम पवित्र धर्मशास्त्र की महान प्रार्थना पुस्तक स्तोत्र ग्रंथ की ओर अपना ध्यान करते हैं। ये प्रेरणादायी गीत हमें सिखाते हैं कि कैसे ईश्वर से कहें, स्वयं को व्यक्त करें तथा हमारे मानवीय अनुभवों को शब्दों में व्यक्त करें जिसे स्वयं ईश्वर ने हमें दिया है। लेखन के विभिन्न स्वरूप होने की विविधताओं के बावजूद स्तोत्रों को तेहेलिम कहा जाता है अर्थात् स्तुति गान , वस्तुतः स्तुति गान की प्रार्थना, ईश्वर को हमारा सर्वेश्रेष्ठ प्रत्युत्तर है जो कठिनाई और परीक्षा के समय में भी हमारे साथ रहते हैं। अनेक स्तोत्रों की रचना का श्रेय इस्राएल के महान राजा दाऊद को दिया जाता है जो ईश्वर का अभ्यंजित जन, मसीह का पूर्व छवि था। येसु ख्रीस्त में तथा उनके पास्काई रहस्य में स्तोत्रों ने अपने गहनतम अर्थ और नबूवती पूर्णता को पाया। ख्रीस्त ने स्वयं इन शब्दों में प्रार्थना की। जैसा कि हम प्रशंसा के इन प्रेरणादायी गीतों पर विचार करते हैं हम ईश्वर से निवेदन करें कि वे हमें अपने साथ और अपने में, स्वर्गिक पिता के पास प्रार्थना करना सिखायें।

इतना कहने के बाद संत पापा ने European Society of Clinical Neurophysiology के सम्मेलन में भाग ले रहे प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए उन्हें शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने रोम में आयोजित काथलिक शिक्षाशास्त्रियों की बैठक में भाग ले रहे कनाडा और अमरीका से आये प्रतिभागियों तथा International Association of Machinists and Aerospace Workers के अधिकारियों का भी अभिवादन किया। संत पापा ने रोम में सम्पन्न हो रहे स्टडी प्रोग्राम में भाग ले रहे अमरीकी गुरूकुल छात्रों तथा मिशनरीज ओफ चारिटी की नवशिष्याओं का भी अभिवादन किया। संत पापा ने सब अंग्रेजी भाषी तीर्थयात्रियों विशेष रूप से इंगलैंड, स्काटलैंड, स्वीडेन, इंडोनेशिया और अमरीका से आये तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हुए सब पर प्रचुर मात्रा में ईश्वरीय कृपाओं की कामना की।

संत पापा ने तीर्थयात्रियों को अन्य यूरोपीय भाषाओं में सम्बोधित करने के बाद आमदर्शन समारोह के अंत में सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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