2011-06-21 11:24:15

वाटिकनः लिबिया के 15,000 शरणार्थी इटली के लिये समस्या का कारण नहीं हो सकता, कार्डिनल


वाटिकन सिटी, 21 जून सन् 2011 (एडीएनक्रोनोस): आप्रवासियों एवं शरणार्थियों के लिये गठित परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष वाटिकन के वरिष्ठ कार्डिनल आन्तोनियो वेलियो ने, विश्व शरणार्थी दिवस के उपलक्ष्य में, सोमवार को शरणार्थियों की सुरक्षा एवं उनके अधिकारों के प्रति सम्मान का आह्वान किया है।

कार्डिनल महोदय ने कहा कि उत्तरी अफ्रीका और, विशेष रूप से, लिबिया से आनेवाले शरणार्थियों के लिये सीमाओं को बन्द नहीं किया जाना चाहिये बल्कि शरणार्थियों से सम्बन्धित सन् 1951 के अन्तरराष्ट्रीय समझौते का पालन करते हुए शरणार्थियों का स्वागत किया जाना चाहिये।

कार्डिनल वेलियो ने कहा कि लिबिया से इटली के समुद्री तटों पर आये 15,000 शरणार्थियों को समस्या नहीं माना जाना चाहिये बल्कि उत्तरी अफ्रीका में आये नये वसन्त को दृष्टिगत रख ज़रूरतमन्दों की सहायता हेतु धनी देशों को आगे आना चाहिये।

इस वर्ष के आरम्भ से ट्यूनिशिया, मिस्र, लिबिया तथा अरब जगत के अनेक देशों में सत्ता के दुरुपयोग, महंगाई एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ़ लोग मार्गों में निकल आये हैं। अनेक देशों में इन क्रान्तियों को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है जिसके चलते हज़ारों लोगों ने अपने घरों से पलायन कर लिया है। लिबिया में आरम्भ युद्ध के बाद से लगभग 15,000 लिबियाई शरणार्थी इटली पहुँचे हैं।

कार्डिनल वेलियो ने इटली से आग्रह किया है कि वह अपनी सीमाओं पर रोक न लगाये बल्कि इन ज़रूरतमन्दों का स्वागत करे। उन्होंने कहा कि इटली समस्या को बढ़ा चढ़ा कर बता रहा है जबकि अरब क्रान्ति के बाद से ट्यीनिशिया ने पाँच लाख एवं मिस्र ने साढ़े तीन लाख शरणार्थियों को शरण प्रदान की है, इनमें साढ़े छ- लाख लिबिया के लोग हैं।

उन्होंने कहा कि युद्ध छिड़ने के बाद से लिबिया के लगभग दस लाख लोगों ने देश से पलायन किया है जिनमें से केवल 15,000 इटली पहुँचे हैं इसलिये इन्हें समस्या नहीं माना जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि यह अत्यधिक क्रूर एवं अमानवीय है कि युद्ध, आतंक और भय के कारण अपने घरों से भागे लोगों को तिरस्कार एवं बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है।

विश्व शरणार्थी दिवस सन् 2011 के उपलक्ष्य में शरणार्थी सम्बन्धी संयुक्त राष्ट्र संघीय उच्चायुक्त ने भी यूरोपीय देशों का आह्वान किया है कि वे अपनी सीमाओं को खुला रख शरणार्थियों को सुरक्षा प्रदान करें।








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