29 जून को संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें के पुरोहिताभिषेक की 60 वीं वर्षगाँठ
(वाटिकन सिटी 18 जून सेदोक) वाटिकन प्रेस प्रवक्ता फादर फेदेरिको लोम्बार्दी ने अपने
साप्ताहिक सम्पादकीय ओकतावा दियेस में कहा है कि 29 जून को संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें
के पुरोहिताभिषेक की 60 वीं वर्षगाँठ है. सारी कलीसिया सहर्ष इस दिवस की तैयारी कर रही
है। याजकों के धर्मसंघ से प्रोत्साहन पाकर धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों का आह्वान किया गया
है कि वे धन्यवाद का समारोह मनायें, पौरोहितिक बुलाहटों के लिए प्रार्थना अर्पित करें,
विशेष रूप से पवित्र यूखरिस्त की आराधना पर ध्यान केन्द्रित करते हुए प्रभु से निवेदन
करें कि वे अपनी दाखबारी में काम करने के लिए नये श्रमिकों को भेजें।
फादर लोम्बार्दी
ने कहा है कि संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें का जीवन समग्र रूप से पौरोहितिक जीवन रहा है।
किशोर आयु में बुलाहट, युद्ध के कारण सेमिनरी प्रशिक्षण बाधित होना, 24 वर्ष की आयु में
अपने बड़े भाई के संग ही पुरोहित अभिषिक्त होना तथा शिक्षित सभ्य युवाओं का एक समूह जिनकी
ईश्वर और कलीसिया के प्रति निष्ठा रही। उन्होंने फादर अलोइस अंद्रीतस्की जैसे युवा धर्मप्रांतीय
पुरोहित को आदर्श नमूना रूप में देखा जिनकी 31 वर्ष की आयु में 1943 में दकाउ के नात्सी
यातना शिविर में हत्या कर दी गयी और जिन्हें अभी कुछ दिनों पहले ही धन्य घोषित किया गया
है। उनका कहना था- एक पल के लिए भी अपनी पुरोहिताई को नहीं भूलना।
संत पापा
बेनेडिक्ट 16 वें ने एक साल पहले समाप्त हुए पुरोहितों को समर्पित वर्ष के समापन के
अवसर पर पुरोहिताई पर अपना संदेश और गहन चिंतन प्रस्तुत किया। पाठक तुरंत यह महसूस कर
सकता है कि यह चिंतन ईश्वरीय कृपाओं को पाने तथा निष्ठापूर्वक विकास करने के उनके निजी
अनुभवों की गहराई से आता है। उन्होंने कहा कि ईश्वर की साहसिकता, जो स्वयं को मानव को
सौंपते हैं, जो हमारी कमजोरियों के प्रति जागरूक हैं -क्या आप सोचते हैं कि मनुष्य उनके
स्थान में उपस्थित होने और उनकी ओर से काम करने में समर्थ है- ईश्वर की यह साहसिकता,
वास्तव में महान है जो पौरोहिताई शब्द में छिपी है।
फादर लोम्बार्दी ने कहा कि
हम आध्यात्मिक रूप से संत पापा की प्रार्थना में संयुक्त हों और यह निवेदन करें कि उनकी
विनम्रता का उदाहरण और ईश्वर के प्रति सहर्ष निष्ठा सब पुरोहितों के लिए पवित्रता तथा
नयी बुलाहटों के लिए असरकारी संवेग उत्पन्न करे।