2011-06-15 12:17:08

गुवाहाटीः महाधर्माध्यक्ष मेनामपरमपिल नोबेल के लिये नामांकित


गुवाहाटी, 15 जून सन् 2011 (कैथन्यूज़): गुवाहाटी के महाधर्माध्यक्ष थॉमस मेनामपरमपिल को नोबेल शांति पुरस्कार के लिये नामित किया गया है किन्तु उनका कहना है कि पुरस्कार मिले ना मिले वे शांति हेतु कार्य करते रहेंगे।

"ट्रूथ डाईव" वेबसाईट पर साईलिशियन धर्मसमाजी महाधर्माध्यक्ष ने कहा, "मैंने नामांकन की उम्मीद नहीं की थी, लेकिन इससे अभिभूत हुआ हूँ।"

लोकप्रिय इतालवी पत्रिका, "इल बोल्लेतिनो सालिसियानो" ने उत्तर-पूर्वी भारत के जातीय समुदायों में शांति लाने के प्रयासों के लिये महाधर्माध्यक्ष थॉमस मेनामपरमपिल को नोबेल शांति पुरस्कार के लिये नामांकित किया है।

"नोबेल पुरस्कार के लिए एक बिशप" शीर्षक से पत्रिका ने अपने जून माह के संस्करण में एक चार पृष्ठीय लेख भी प्रकाशित किया है।

इस पर अपनी प्रतिक्रिया दर्शाते हुए महाधर्माध्यक्ष महोदय ने कहा, "शांति पहलों के सम्पादन में पुरस्कार से कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे मान्यता अथवा पुरस्कार मिले ना मिले मैं शांति के पक्ष में अपना मिशन जारी रखूँगा।"

महाधर्माध्यक्ष के अनुसार समाज में स्थायी शांति के लिए एक ग़ैर मुकाबले वाला दृष्टिकोण, सहनशीलता और एक दूसरे के प्रति सम्मान की ज़रूरत है।

74 वर्षीय महाधर्माध्यक्ष चाहते हैं कि भारतीय कलीसिया देश की वर्तमान घटनाओं में भागीदार बने। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की "प्रभावशाली" विकास दर ने निर्धन एवं धनी लोगों के बीच की खाई को और अधिक गहरा कर दिया है। उन्होंने कहा कि एक ओर भारतीय अरबपतियों की संख्या बढ़ रही है तो दूसरी ओर निर्धनों की संख्या भी बहुत अधिक बढ़ी है।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि साईलिशियन धर्मसमाज युवाओं को जो प्रशिक्षण प्रदान करता है उसका लक्ष्य केवल युवाओं को सक्षम एवं कुशल बनाना ही नहीं होना चाहिये बल्कि इसका लक्ष्य अन्तःकरणों का निर्माण भी होना चाहिये जो युवाओं को नैतिक सिद्धान्तों से सम्पन्न व्यक्ति बनाये।









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