वाटिकन सिटीः "हमें अरब जगत के विघटन का विरोध करना चाहिये", वाटिकन प्रवक्ता
वाटिकन सिटी, 14 जून सन् 2011 (ज़ेनित): सिरिया तथा अन्य अरब देशों में नित्य जारी जन
आन्दोलनों, विरोधों एवं पुलिस की कठोर कारर्वाई के बावजूद वाटिकन ने वार्ताओं द्वारा
समस्याओं को सुलझाने का आह्वान किया है।
वाटिकन टेलेविज़न पर अपने साप्ताहिक
रूपक "ओक्तावा दियेज़" में इस सप्ताह वाटिकन प्रेस के निदेशक फादर फेदरीको लोमबारदी ने
अपना ध्यान सिरिया में जारी संघर्ष पर केन्द्रित किया।
विगत माह से जारी सिरियाई
संघर्ष पर उन्होंने सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के शब्दों का स्मरण दिलाया। मई माह के
बीच में "स्वर्ग की रानी प्रार्थना" के बाद सन्त पापा ने शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के पुनर्प्रतिष्ठापन
का आह्वान किया था और फिर, विगत सप्ताह, वाटिकन में सिरिया के नये राजदूत का स्वागत करते
हुए भी सन्त पापा ने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया था कि अरब जगत के संघर्ष से असहिष्णुता,
भेदभाव अथवा झगड़ों को प्रश्रय नहीं मिलना चाहिये। इसके विपरीत, इस जन आन्दोलन से सत्य
के प्रति सम्मान, सहअस्तित्व, वैयक्तिक एवं सामूहिक अधिकार तथा पुनर्मिलन के वातावरण
का निर्माण होना चाहिये।
इस बीच, सिरिया के येसु धर्मसमाजियों ने भी एक वकतव्य
जारी कर राष्ट्रीय एकता की गुहार लगाई थी।
इस सन्दर्भ में, फादर लोमबारदी ने
कहा कि अनवरत जारी हिंसा के कारण सिरिया की स्थिति चिन्ताजनक हो उठी है। उन्होंने कहा,
"अनवरत जारी हिंसा के कारण वे सभी स्तरों पर वार्ताओं, अभिव्यक्ति एवं भागीदारी की स्वतंत्रता
तथा हिंसा के बहिष्कार की अपील करते हैं।"
सिरियाई समाज में ख्रीस्तीयों की
रचनात्मक भूमिका की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए उन्होंने कहा, "सिरिया के ख्रीस्तीयों
के लिये राष्ट्रीय एकता जीवन की शर्त है और इसीलिये उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे यथार्थ
एवं गम्भीर राष्ट्रीय वार्ता को मूर्तरूप देने के लिये सक्रिय सेतु बनें।"
फादर
लोमबारदी ने कहा कि यह नितान्त आवश्यक है कि हम विश्व के उस क्षेत्र में विघटन और नित्य
जारी संघर्षों का विरोध करें क्योकं इनके कारण जनता एक देश से दूसरे देश तक पलायन हेतु
बाध्य की जाती है।