वाटिकन सिटीः वाटिकन की आशा है कि चीन में अवैध अभिषेकों का अन्त हो
वाटिकन सिटी, 14 जून सन् 2011 (कैथन्यूज़): वाटिकन ने कहा है कि उसकी आशा है कि चीन के
हानको धर्मप्रान्त में होनेवाले अवैध धर्माध्यक्षीय अभिषेक का स्थगन, चीन में, सन्त पापा
की अनुमति के बिना होनेवाले सभी अभिषेकों के अन्त का संकेत होगा।
वाटिकन प्रेस
के उपाध्यक्ष फादर चीरो बेनेदित्तीनी ने 10 जून को काथलिक समाचार सेवा से कहा कि वाटिकन
की आशा है, "सन्त पापा की अनुमति के बग़ैर कभी भी किसी का अभिषेक न किया जाये।"
चीन
के हानको धर्मप्रान्त ने अभिषेकों के स्थगन का कारण नहीं बताया है और न ही इसकी नई तिथि
की घोषणा की है।
परमधर्मपीठीय सुसमाचार प्रचार परिषद के हाँग काँग मूल के उपाध्यक्ष
महाधर्माध्यक्ष सावियो होन ताय फाय ने चीन के धर्माध्यक्षों और पुरोहितों से निवेदन किया
था कि वे चीनी सरकार का दबाव सहने के बावजूद सन्त पापा के प्रति स्वामी भक्ति एवं आज्ञाकारिता
दर्शायें। महाधर्माध्यक्ष सावियो के आग्रह के बाद ही चीन के अधिकारियों ने पूर्वनियोजित
अभिषेकों को स्थगित कर दिया था।
तीन जून को महाधर्माध्यक्ष ने एशिया समाचार से
कहा था कि वे इस बात से भलीभाँति परिचित हैं कि चीनी सरकार का विरोध करने के लिये पुरोहितों
को सज़ा दी जा सकती है, उनके लिये सरकारी मदद बन्द की जा सकती है, प्रेरितिक कार्यों
से उन्हें वंचित किया जा सकता है तथा विदेशों में यात्रआएँ करने से मना किया जा सकता
है तथापि उन्होंने कहा कि चीन के काथलिक सन्त पापा के प्रति आज्ञाकारिता दर्शाते हुए
चीनी सरकार द्वारा आयोजित उक्त अभिषेकों का विरोध कर रहे हैं।
ग़ौरतलब है कि
चीन में केवल सरकार समर्थित देशभक्त कलीसिया में पंजीकृत होकर ही ख्रीस्तीय धर्म का पालन
किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, धर्माध्यक्षों के अभिषेक में भी चीन की सरकार हस्तक्षेप
करती है जबकि सम्पूर्ण विश्व में काथलिक धर्माध्यक्षों की नियुक्ति केवल कलीसिया के परमाध्यक्ष
यानि कि सन्त पापा कर सकते हैं।