स्पानी धर्माध्यक्षों का आह्वान मध्यमार्गी और रूटीन ईसाई जीवन से संतुष्ट नहीं हो
(मैड्रिड स्पेन 10 जून सीएनए) स्पानी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने बपतिस्मा प्राप्त विश्वासियों
को स्मरण कराया है कि वे अपने धर्म को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ जीयें तथा ख्रीस्तीय
जीवन में मध्यममार्गी जीवन शैली से संतुष्ट नहीं रहें। कुछ अवसरों पर लोक धर्मियों की
प्रेरिताई से जुडें धर्माध्यक्षों ने चेतावनी दी है कि बपतिस्मा प्राप्त सब लोगों के
सामने अपने विश्वास को नियमित रूप से जीने के आदी होने का खतरा होता है तथा वे इस पहलू
को भूल जा सकते हैं कि वे बपतिस्मा संस्कार के द्वारा ख्रीस्त में जीवन जीने के लिए संयुक्त
किये गये हैं। स्पेन के धर्माध्यक्षों ने सब ईसाईयों का आह्वान किया है कि वे मध्यमार्गी
और रूटीन ईसाई जीवन से संतुष्ट नहीं हो क्योंकि ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है जो स्वयं
को विश्वासी कहते हैं लेकिन विश्वास का जीवन नहीं जीते हैं। 12 जून को कलीसिया द्वारा
मनाये जानेवाले पेंतेकोस्त पर्व तथा इसी दिन काथलिक एक्शन और लोकधर्मी प्रेरिताई दिवस
को देखते हुए स्पानी धर्माध्यक्षों ने यह संदेश जारी किया है। उन्होंने धर्म के प्रति
उदासीनता और समाज में सतहीपन को ईसाई धर्म का अभ्यास नहीं करनेवाले लोगों की संख्या में
वृद्धि के कुछ कारणों के रूप में चिह्नित किया है। धर्माध्यक्षों ने कहा है कि बपतिस्मा
प्राप्त जो लोग जीवन के अर्थ पर आश्चर्य नहीं करते हैं वे आसानी से सापेक्षवाद और व्यक्तिनिष्ठवाद
का शिकार हो जाते हैं क्योंकि निर्णय करते समय वे अपनी मान्यताओं पर तथा दूसरों से भिन्न
होने पर भयभीत हो जाते हैं। बहुधा वे धन सुख ताकत जैसी मूर्तिपूजा करते हैं और आंतरिक
रूप से सजग हुए बिना ही सच्चे ईश्वर और कलीसिया से दूर होते जाते हैं जहाँ से उन्होंने
विश्वास को पाया था। इस सच्चाई के प्रत्युत्तर में धर्माध्यक्षों ने पुरोहितों, धर्मसमाजियों
और लोकधर्मियों का आह्वान किया है कि वे नये सुसमाचार प्रचार में शामिल हों तथा मूक दर्शक
नहीं बने रहें कि समस्याएं और बाधाएँ स्वतः ही समाप्त हो जायेंगी। एक अन्य समाचार
में बताया गया कि 12 जून को कलीसिया द्वारा मनाये जानेवाले समारोही पेंतेकोस्त पर्व के
दिन संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें संत पेत्रुस बासिलिका में समारोही ख्रीस्तयाग की अध्यक्षता
करेंगे।