नाईजीरिया में ईसाई मुसलमान संवाद के लिए जरूरी बातें
(मैदुगुरी 10 जून जेनिथ) उत्तरी नाईजीरिया में हाल के दिनों में इस्लामी चरमपंथियों के
हमलों के कारण चर्च को काफी नुकसान हुआ है, 7 जून को किये गये बम विस्फोट में मैदुगुरी
स्थित काथलिक कैथीड्रल को बहुत नुकसान पहुँचा था तथा 7 लोगों की हत्या हो गयी थी। इधर
दक्षिणी नाईजीरिया में एक धर्माध्यक्ष वार्तालाप को बेहतर बनाये जाने की वकालत कर रहे
हैं ताकि हिंसा के चक्र को तोड़ा जा सके। दक्षिणी नाईजीरिया के एनुगु के धर्माध्यक्ष
कालिस्तुस ओनागा ने जर्मनी के फ्रैंकफोर्ट में एड टू द चर्च इन नीड संगठन के मुख्यालय
की हाल में भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने प्रभावी संवाद की गुणवत्ता को बढाये जाने पर
जोर दिया ताकि हिंसक संघर्षों को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि पूर्व शर्त्त यही है कि
जीवन को ईश्वर का दान या उपहार के रूप में देखा जाये तथा दूसरे व्यक्ति का सम्मान किया
जाये कि वह ईश्वर का प्रतिरूप है तथा उसे शत्रु या अविश्वासी के रूप में नहीं देखा जाये।
धर्माध्यक्ष ओनागा ने कहा कि हिंसा के सिद्धान्त के अनुसार कोई भी जो हत्या करता या मारा
जाता है, अविश्वासी है वह स्वर्ग जाता है, इस मान्यता को समाप्त किये जाने की जरूरत
है।
धर्माध्यक्ष ओंनगा के अनुसार हाल की इन हिंसक घटनाओं तथा अशांति का कारण
अनसुलझे जातीय और राजनैतिक भिन्नताएँ है। उनका मानना है कि शिक्षा तक सबकी पहुँच अपरिहार्य
है क्योंकि बडी संख्या में लोगों को कोई शिक्षा नहीं मिली है और उनका ज्ञान केवल पाक
कुरान तक रहा है।. उन्होंने कहा कि नाईजीरिया बहुत बड़ा देश है जहाँ सैकड़ों भाषा भाषी
निवास करते हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे व्यक्ति को स्वीकार किया जाये तब ही शांतिपूर्ण
सहअस्तित्व संभव है।
सन 2012 में एनुगु धर्मप्रांत की स्वर्ण जुबिली मनायी जायेगी
जहाँ 1.3 मिलियन काथलिक हैं। चर्च की गतिविधियों का फोकस शिक्षा और संस्कृति पर केन्द्रित
है। 148 पल्लियों में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय चलाये जा रहे हैं और इन स्कूलों
की गुणवत्ता को स्थानीय लोग सव्वीकर करते है। यहाँ काथलिक कलीसिया का तेजी से विकास हो
रहा है। लगभग 400 पुरोहित मेषपालीय कामों में संलग्न हैं तथा 376 धर्मसमाजी धर्मबहनें
प्रेरिताई में सहयोग कर रही हैं। सेमिनरी में 265 युवा पुरोहिताई के लिए अध्ययन करते
हैं।