2011-06-07 12:13:38

दमिश्कः येसु धर्मसमाजियों ने सिरिया में एकता के लिये वार्ताओं का आह्वान किया है


दमिश्क, 7 जून सन् 2011 (ज़ेनित): सिरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद को अपदस्थ करने की मांग करनेवाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ़ सरकार की कठोर कारर्वाई तथा रक्तपात के मद्देनज़र देश में सेवारत येसुधर्मसमाजियों ने राष्ट्रीय एकता हेतु वार्ताओं का आह्वान किया है।
विगत सप्ताहान्त येसुधर्मसमाजियों ने, देश में मार्च माह से जारी हिंसक घटनाओं पर चिन्तन हेतु प्रार्थना दिवस मनाया। इन घटनाओं में 1,200 से अधिक व्यक्ति मारे गये हैं जिनमें 77 बच्चे भी शामिल हैं।

स्थिति सोमवार को और अधिक बिगड़ गई जब सरकारी टेलेविज़न ने दावा किया कि उत्तर-पूर्वी शहर जिस्र अल शुगूर में सैंकड़ों बंदूकधारियों के साथ लड़ाई में 120 सुरक्षा सैनिक मारे गए थे।

इसके विपरीत, प्रदर्शनकारियों की ओर से, सोमवार को, एक फ़ेसबुक पन्ने पर दिए बयान में सुरक्षाकर्मियों की मौत की भर्त्सना की गई है और इसकी जांच की भी मांग की गई है। बयान में कहा गया है कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण है और शहर में बंदूकधारी गुटों की मौजूदगी की बात सरासर ग़लत है।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बीबीसी की अरबी सेवा को बताया कि प्रदर्शनकारियों के पास हथियार नहीं हैं। उनका कहना था कि जो भी पुलिसकर्मी मारे गए हैं उन्हें सुरक्षा से जुड़े तत्वों ने ही पीठ में गोली मारी है।

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का भी कहना है कि सरकारी टेलीविज़न की बात कुछ सही नहीं लगती क्योंकि अभी तक प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण रूप से प्रदर्शन करते रहे हैं। सीरिया में बशर अल-असद सरकार के ख़िलाफ़ मार्च माह में डेरा शहर से विरोध प्रदर्शन शुरु हुए थे जो अब कई अन्य शहरों में फैल गए हैं।

ज़ेनित समाचार को प्रेषित एक पत्र में सिरिया में सेवारत येसुधर्मसमाजियों ने कहा, "स्थिति की गम्भीरता को देखते हुए, उन सभी लोगों की ओर से जो अपना रक्त बहा चुके हैं, हम सिरिया के सभी पक्षों से निष्कपट वार्ताओं का मंच तैयार करने की अपील करते हैं ताकि वर्तमान संकट से निदान पाया जा सके।"

येसुधर्मसमाजियों के पत्र में आगे कहा गया, "हम ख्रीस्तीय राष्ट्रीय एकता को अपने अस्तित्व की गारंटी मानते हैं अस्तु सबसे एकता की स्थापना हेतु वार्ताओं की अपील करते हैं क्योंकि एकता की अनुपस्थिति में विलोपन और पतन अपरिहार्य है।" वार्ताओं के सन्दर्भ में उन्होंने कहा कि इन्हें निष्कपट, मिताचारी और सबके लिये सम्मान से परिपूर्ण होना चाहिये।








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