2011-06-05 12:41:31

ज़गरेबः सन्त पापा ने यूरोप से ईसाई मूल्यों के सम्मान का आग्रह किया


ज़गरेब, 5 जून सन् 2011 (सेदोक): सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने शनिवार को यूरोप के ख्रीस्तीय मूल्यों के समक्ष प्रस्तुत चुनौतियों के प्रति सचेत किया और कहा कि काथलिक बहुल राष्ट्र क्रोएशिया व्यक्तिवाद के ख़तरों का सामना कर रहे यूरोपीय संघ के अन्य देशों के लिये आदर्श सिद्ध हो सकता है।

सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें क्रोएशिया की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। देश की कुल आबादी 45 लाख है जिनमें 90 प्रतिशत काथलिक धर्मानुयाई हैं। सन् 1991 में क्रोएशिया ने भूतपूर्व युगोस्लाविया से स्वतंत्रता प्राप्त की थी। ज़गरेब के हवाई अड्डे पर शनिवार को विमान से उतरते ही सन्त पापा ने यूरोपीय महाद्वीप को उसकी ख्रीस्तीय एवं ऐतिहासिक जड़ों की याद दिलाई तथा ठोस नैतिक एवं आध्यात्मिक मूल्यों के सम्मान का आह्वान किया।

अपनी स्वतंत्रता की 20 वीं वर्षगाँठ मनानेवाले तथा यूरोपीय संघ की सदस्यता पाने की देहलीज़ पर खड़े क्रोएशिया से सन्त पापा ने कहा, "आज की संस्कृति से उत्पन्न चुनौतियों के समक्ष बुनियादी नैतिक मूल्यों को प्रोत्साहित करने हेतु सक्रिय गतिशीलता की आवश्यकता है जो पुराने महाद्वीप, यूरोप, की पहचान को बरकरार रखने में मदद कर सकें।"

उन्होंने कहा कि यूरोप की सांस्कृतिक विरासत पर व्यक्तिवाद का ख़तरा बना हुआ है जो दायित्वों रहित जीवन तथा केवल ख़ुद के लिये स्थान की निरन्तर खोज में लगा रहता है।

क्रोएशिया में अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान रविवार को सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने क्रोएशियाई परिवारों के सम्मेलन की अध्यक्षता की। शनिवार को हवाई अड्डे पर आयोजित समारोह में क्रोएशिया के यूरोपीय संघ में शामिल होने को एक बार फिर उन्होंने समर्थन दिया और आशा व्यक्त की कि यूरोपीय महाद्वीप अपनी ख्रीस्तीय जड़ों, ख्रीस्तीय पहचान और ख्रीस्तीय परम्पराओं को याद करे जिनपर न्याय, शांति, प्रेम एवं मानव के मूलभूत अधिकारों की आधारशिला टिकी है।








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