2011-06-05 15:16:33

क्रोएशिया के युवाओं के लिए संत पापा का संदेश


क्रोएशिया की राजधानी जागरेब के प्रमुख चौराहे पियात्सा जोसिप जेलाचिक में युवाओं के लिए शनिवार 4 जून की संध्या पहर में संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें के नेतृत्व में प्रार्थना जागरण समारोह का आयोजन किया गया। इस चौराहे की क्षमता 50 हजार है। युवाओँ ने हर्ष ध्वनि करते, जयनारे लगाते हुए संत पापा का स्वागत किया। प्रार्थना जागरण समारोह का शुभारम्भ क्रोएशियाई धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष मान्यवर मार्टिन सराकिक के स्वागत समबोधन से हुआ। इसके बाद फिलिप्पयों के नाम प्रेरित संत पौलुस के पत्र अध्याय 4 के 4 से 9 पदों का पठन किया गया। फिर दो युवाओं ने अपना जीवन साक्ष्य प्रस्तुत किया। इसके बाद संत पापा ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा-
प्रिय युवा जन,
मैं सस्नेह आप सबका अभिवादन करता हूँ। जागरेब शहर की ह्दयस्थली इस ऐतिहासिक चौराहे में मैं आपके साथ हूँ यह मेरे लिए विशिष्ट खुशी है। यह मिलने का स्थल तथा संवाद करने का केन्द्र है जो बहुधा दैनिक जीवन की गतिविधियों और कोलाहल से भरा रहता है। आपकी उपस्थिति ने इस स्थल को एक प्रकार के चर्च में बदल दिया है जिसकी छत स्वयं आसमान है। मौन रहकर हम ईश्वर के वचन को ग्रहण करना चाहते हैं जिसकी अभी घोषणा की गयी है ताकि यह हमारे मन और दिल को आलोकित करे।
मैं महाधर्माध्यक्ष सराकिक और साक्ष्य देनेवाले दो युवाओं का अभिवादन करते हुए उन्हें धन्यवाद देता हूँ। डेनियल द्वारा सुनाये गये अनुभव संत अगुस्टीन का स्मरण कराते हैं- प्यार को बाहर खोजने का अनुभव है और फिर पाते हैं कि यह अपने आप से भी अधिक निकट है, प्यार मुझे गहन रूप से स्पर्श करता है और फिर मुझे शुद्ध करता है। और फिर मातेजा ने समुदाय के सौंदर्य के बारे में कहा जो मन, दिल और आत्मा को खोलता है मैं दोनों को धन्यवाद देता हूँ।
हम जानते हैं कि हर व्यक्ति के दिल में खुशी पाने की गहरी आकांक्षा है। हर कृत्य, हर निर्णय, हर मनोरथ में गुप्त रूप से यही स्वाभाविक इच्छा निहित रहती है। लेकिन बहुधा हम महसूस करते हैं कि जिन पर हम भरोसा करते हैं वे हमारी इस इच्छा को पूरा नहीं कर सकते हैं, वे आधार खिसकती बालू सिद्ध होते हैं। ऐसे समय में हम कुछ बडे आधार की जरूरत महसूस करते हैं जो हमारे दैनिक जीवन को अर्थ प्रदान करने में सक्षम हो।
प्रिय युवाओ, युवावस्था आपको प्रभु द्वारा दिया गया समय है ताकि आप जीवन के अर्थ की खोज करने में समर्थ बनें। यह समय है विस्तृत क्षितिज का, शक्तिशाली भावनाओं का लेकिन साथ ही दीर्घकालीन लक्ष्यों या चयन पर चिंतन करने का, अध्ययनकाल तथा कार्यस्थल की चुनौतियाँ तथा देख और पीड़ा के रहस्य पर आश्चर्य करने का। येसु आज आपको सुसमाचार और पवित्र आत्मा के द्वारा कह रहे हैं। वे आपके हमसफर हैं, वे आपको खोज रहे हैं इससे पहले कि आप उन्हें खोजें। वे आपकी स्वतंत्रता का पूरी तरह सम्मान करते हुए आपके समीप आते हैं और आपके दिल की गहन आकांक्षा तथा अर्थपूर्ण जीवन जीने की चाह का यथार्थ और निर्णायक जवाब अर्पित करते हैं। आप उनपर भरोसा करें वे आपको कदापि निराश नहीं करेंगे।
येसु हमें ईश्वर के प्रेम को जानने में समर्थ बनाते हैं। वे आपकी सहायता करते हैं ताकि आपकी खुशी हकीकत बने जो उनके साथ मैत्री करने से आती है। प्रिय युवाओ यदि आपकी जड़े ख्रीस्त में हैं तो आप पूरी तरह वह इंसान बनेंगे जो आपको बनना है। स्वयं को आसान सफलतावाली लुभावनी प्रतिज्ञाएँ और जीवन शैली नहीं भटकायें जहाँ बाहरी दिखावा को आंतरिक गहराई से अधिक महत्व दिया जाता है। भौतिक वस्तुओं, सम्पत्ति पर आपका भरोसा रखने के प्रलोभन का सामना करें तथा आपकी खोज येसु और ईश्वर की और हो।
अपने युवाकाल में आप प्रभु के अनेक शिष्यों के साक्ष्य से सहायता और समर्थन पा सकते हैं जिन्होंने अपने दिल में सुसमाचार की नवीनता को निधि समान सुरक्षित रखा। असीसी के संत फ्रांसिस और संत क्लारा, वितेरबो की संत रोस, बालक येसु की संत तेरेसा, दोमनिक सावियो सहित अनेक संतों का स्मरण करें। यहाँ क्रोएशिया में आप और हम धन्य ईवान मेरज का स्मरण करते हैं, बुद्धिमान युवक जो सामाजिक जीवन में पूरी तरह शामिल था। जिसने अपनी पहली प्रेमिका ग्रेटा के निधन के बाद यूनिवर्यिटी अध्ययन आरम्भ किया। प्रथम विश्व युद्ध के दिनों में मृत्यु और विनाश का सामना किया और इन अनुभवों ने उसे संकट और आध्यात्मिक संघर्ष के क्षणों पर विजय पाने में मदद किया। उसका विश्वास मजबूत होता गया। उसने पूजनधर्मविधि का अध्ययन किया और युवाओं के मध्य प्रेरिताई काम के लिए स्वयं को समर्पित कर दिया । उसने काथलिक विश्वास के सौंदर्य की खोज की तथा अन्यों को ख्रीस्त की मैत्री का अनुभव कराने के लिए सहायता की। 32 वर्ष की आयु में 10 मई 1928 को उसका निधन हो गया। उसने अपना जीवन कलीसिया और युवाओं के लिए अर्पित कर दिया।
प्रेम के लिए पूरी तरह समर्पित यह युवा जीवन ख्रीस्त की खुशबू को धारण करता है, यह सबको आमंत्रित करता है कि डरे नहीं लेकिन कलीसिया की माँ कुँवारी मरियम के समान प्रभु पर भरोसा रखें।
क्रोएशिया के प्रिय युवाओ प्रभु में सदा आनन्द मनायें। यही आनन्द, सच्चे प्यार का आनन्द आपकी शक्ति हो। आमेन, येसु और मरिया की महिमा हो।
संत पापा के संदेश के बाद पवित्र साक्रमेंत में उपस्थित प्रभु येसु की आराधना वंदना की गयी। संत पापा ने अवर लेडी औफ स्टोन गेट के नाम से विख्यात जागरेब की संरक्षिका माता मरिया के चरणों में एक रोजरी उपहार के रूप में अर्पित किया।








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