2011-06-01 15:30:47

बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा का संदेश


संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पेत्रुस बासिलिका के प्रांगण में देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों को अंग्रेजी भाषा में सम्बोधित करते हुए कहा-

अतिप्रिय भाईयो और बहनो,

ख्रीस्तीय प्रार्थना पर हमारी धर्मशिक्षा माला को जारी रखते हुए हम अपना ध्यान महान नबी मूसा की ओर करते हैं। ईश्वर और इस्राएल के बीच मध्यस्थ के रूप में नबी मूसा मध्यस्थ प्रार्थना का आदर्श है। इसे हम सोने के बछडे के प्रसंग में स्पष्ट रूप से देखते हैं। जैसा कि मूसा सिनाई पर्वत से नीचे उतरता है जहाँ उसने ईश्वर से बात की है तथा उपहार के रूप में विधान पाया है उसे सोने की प्रतिमा की आराधना करनेवाले लोगों के अविश्वास तथा प्रभु के क्रोध का सामना करना होता है। नबी मूसा पाप की गंभीरता को स्वीकार करते हुए अपने लोगों के लिए ईश्वर से दुहाई करता है। वह ईश्वर से अपनी दया को स्मरण करने, लोगों के पापों को क्षमा करने तथा इस प्रकार से ईश्वर द्वारा अपनी मुक्तिदायी शक्ति को प्रकट करने की अनुनय विनय करता है। मूसा की निवेदन भरी प्रार्थना अपनी प्रजा की मुक्ति तथा विधान के प्रति निष्ठा के लिए ईश्वर की अपनी इच्छा की ही अभिव्यक्ति है। निवेदन भरी प्रार्थना के द्वारा मूसा ईश्वर की दया और उनके प्रति गहन ज्ञान में बढ़ते हैं और ऐसे प्रेम के लिए समर्थ बनते हैं जो पूर्ण रूप से आत्मदान करने का उपहार तक बन जाता है। इस प्रार्थना में मूसा स्वयं से परे उनकी ओर इंगित करते हैं, जो पूर्ण मध्यस्थ हैं, येसु, ईश्वर के पुत्र जो अपने रक्त में नये और अनन्त विधान को लाते हैं, जो पापों की क्षमा और ईश्वर की सब संतान के मध्य मेलमिलाप के लिए बहाया गया।

इतना कहने के बाद संत पापा ने बुधवारीय आमदर्शन समारोह में उपस्थित विभिन्न स्कूलों और विश्वविद्यालयों के छात्रों का स्वागत किया। उन्होंने जर्मनी में रह रहे नाटो सैनिकों के एक तीर्थयात्री समूह, मुम्बई में वासी स्थित फादर आगनेलो हायर सेकेन्डरी स्कूल के विद्यार्थियों और स्टाफ तथा अमरीका के डेट्रायोट में स्थित सेक्रेड हार्ट मेजर संमिनरी के गुरूकुल छात्रों का हार्दिक अभिवादन किया। अंत में संत पापा ने सब अंग्रेजी भाषी तीर्थयात्रियों और पर्यटकों विशेष रूप से इंगलैंड, स्वीडेन्, दक्षिण अफ्रीका, भारत, मलेशिया, फिलीपीन्स और अमरीका से आये तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हुए सबके लिए पुनर्जीवित प्रभु के आनन्द और शांति की कामना की।








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