इराक में किरकुक के महाधर्माध्यक्ष लुईस साको को स्तेफानुस फाउंडेशन ने पुरस्कार प्रदान
किया
इराक में किरकुक के महाधर्माध्यक्ष लुईस साको द्वारा मानवाधिकारों की रक्षा तथा मुसलमानों
और ईसाईयों के मध्य अंतर धार्मिक संवाद के लिए किये जा रहे कार्य़ों के लिए जर्मनी स्थित
स्तेफानुस फाउंडेशन ने पुरस्कार प्रदान किया है। यह उनके लिए तीसरा पुरस्कार है जो उन्हें
हाल ही में फैंकफर्ट के संत जोर्ज यूनिवर्सिटी ओफ थयोलोलोजी में आयोजित एक समारोह में
प्रदान किया गया।
मान्यवर साको ने पुरस्कार ग्रहण करने के अवसर पर दिये गये
सम्बोधन में ईसाई-मुसलमान संवाद के महत्व, दोनों समुदायों के मध्य शांतिमय सहअस्तित्व
को मजबूत करने तथा परस्पर सम्मान एवं विविधता पूर्ण संस्कृति को बढावा देने पर बल दिया।
उन्होंने इराक में शांति और स्थायित्व के प्रति समर्पण को बढाये जाने की जरूरत को रेखांकित
करते हुए मध्य पूर्व के ईसाईयों विशिष्ट रूप से इराकियों का संदर्भ देते हुए आह्वान किया
कि वे दबाव और हिंसा के बावजूद अग्रणी होने की भूमिका निभायें। उन्होंने दुहराया कि इराक
ईसाईयों की मातृभूमि है तथा जीवंत तरीके से उपाय पाने की जरूरत है जो शांति, सदभावना
और स्वतंत्रता के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता करती है।
पुरस्कार दिये
जाने के समारोह का समापन शांति के लिए कलीसियाई एकता की प्रार्थना से हुआ जिसमें पुरोहितों,
स्थानीय राजनीतिज्ञों और नागर समाज के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। 62 वर्षीय महाधर्माध्यक्ष
लुईस साको इराक में बहुत लम्बे समय से अंतर धार्मिक वार्ता के पक्ष में तथा ईसाई समुदाय
की रक्षा के लिए किये जा रहे संघर्ष एवं प्रयासों की अग्रिम पंक्ति में रहे हैं। उन्हें
सन 2010 में पैक्स क्रीस्ती तथा सन 2008 में डिफेनसोर फिदेई पुरस्कार से सम्मानित किया
जा चुका है।